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फैजाबाद रेलवे स्टेशन को NGT की फटकार, UPPCB रेलवे से वसूलेगा 91 लाख 20 हजार रुपये

फैजाबाद रेलवे प्रशासन को एनजीटी ने फटकार लगाई है. एनजीटी ने उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो रेलवे से 91 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना वसूले.

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Published : Oct 14, 2019, 11:26 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 8:27 AM IST

ngt directed uppcb collect ninety lakh from faizabad Railway

नई दिल्ली/नोएडा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने उत्तरप्रदेश के फैजाबाद रेलवे प्रशासन को फटकार लगाई है. जिसकी वजह फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग और गोदाम में ट्रकों से सीमेंट, फर्टिलाइजर और अनाज की लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान वायु प्रदूषण पर लगाम न लगा पाना था.


एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने लखनऊ के रेलवे के एडिशनल डीआरएम को निर्देश दिया कि वो एक महीने में जरूरी कदम उठाएं. साथ ही उसकी रिपोर्ट एनजीटी और रेलवे बोर्ड को देने की बात कही है.

वरिष्ठ अधिकारी को पेश रहने के निर्देश
एनजीटी ने रेलवे बोर्ड को निर्देश दिया कि वो इस आदेश के अनुपालन रिपोर्ट के साथ अगली सुनवाई के दिन किसी वरिष्ठ अधिकारी को पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.
एनजीटी ने उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो रेलवे से 91 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना वसूले. सुनवाई के दौरान लखनऊ के एडिशनल डीआरएम ने एनजीटी से कहा कि एक महीने के अंदर पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिए जरुरी उपाय किए जाएंगे.

फैजाबाद के ही शिवांश पांडेय ने दायर की याचिका
याचिका फैजाबाद के ही शिवांश पांडेय ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग में ट्रकों से लोडिंग और अनलोडिंग की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ गया है.
इससे नजदीकी नील विहार कालोनी के लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है. याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 3 जनवरी को उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

रेलवे को कवर्ड शेड के निर्माण का निर्देश
उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रेलवे को निर्देश दिया था कि वो एक कवर्ड शेड का निर्माण करें और पानी का छिड़काव करें ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके.
इसके अलावा लोडिंग और अनलोडिंग के समय सुरक्षा मानकों के लिए भी उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश दिया था. एनजीटी ने पाया कि रेलवे उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहा.


साइडिंग और गोदामों की देखरेख का दिया निर्देश
26 सितंबर को रेलवे बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि रेलवे बोर्ड ने 16 अप्रैल 2018 को सभी जोनल रेलवे को एक सर्कुलर जारी कर साइडिंग और गोदामों की देखरेख के लिए निर्देश दिया था. इस निर्देश में ये भी शामिल था कि लोडिंग और अनलोडिंग वाली जगहों के निर्माण के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण नियमों के मुताबिक सहमति प्राप्त करनी होगी. हर लोडिंग और अनलोडिंग वाले स्थानों पर ट्रैफिक के लिए पर्याप्त जगह मुहैया कराई जाएगी. इसके साथ ही वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पानी का नियमित छिड़काव किया जाएगा.

वायु प्रदूषण निर्धारित मात्रा से काफी अधिक
पिछले 4 अप्रैल को जब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग का निरीक्षण किया तो पाया कि वायु प्रदूषण निर्धारित मात्रा से काफी अधिक थी. पानी के छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रेलवे पर 91 लाख 20 हजार रुपये के जुर्माने की अनुशंसा की.

नई दिल्ली/नोएडा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने उत्तरप्रदेश के फैजाबाद रेलवे प्रशासन को फटकार लगाई है. जिसकी वजह फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग और गोदाम में ट्रकों से सीमेंट, फर्टिलाइजर और अनाज की लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान वायु प्रदूषण पर लगाम न लगा पाना था.


एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने लखनऊ के रेलवे के एडिशनल डीआरएम को निर्देश दिया कि वो एक महीने में जरूरी कदम उठाएं. साथ ही उसकी रिपोर्ट एनजीटी और रेलवे बोर्ड को देने की बात कही है.

वरिष्ठ अधिकारी को पेश रहने के निर्देश
एनजीटी ने रेलवे बोर्ड को निर्देश दिया कि वो इस आदेश के अनुपालन रिपोर्ट के साथ अगली सुनवाई के दिन किसी वरिष्ठ अधिकारी को पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.
एनजीटी ने उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो रेलवे से 91 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना वसूले. सुनवाई के दौरान लखनऊ के एडिशनल डीआरएम ने एनजीटी से कहा कि एक महीने के अंदर पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिए जरुरी उपाय किए जाएंगे.

फैजाबाद के ही शिवांश पांडेय ने दायर की याचिका
याचिका फैजाबाद के ही शिवांश पांडेय ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग में ट्रकों से लोडिंग और अनलोडिंग की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ गया है.
इससे नजदीकी नील विहार कालोनी के लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है. याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 3 जनवरी को उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

रेलवे को कवर्ड शेड के निर्माण का निर्देश
उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रेलवे को निर्देश दिया था कि वो एक कवर्ड शेड का निर्माण करें और पानी का छिड़काव करें ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके.
इसके अलावा लोडिंग और अनलोडिंग के समय सुरक्षा मानकों के लिए भी उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश दिया था. एनजीटी ने पाया कि रेलवे उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहा.


साइडिंग और गोदामों की देखरेख का दिया निर्देश
26 सितंबर को रेलवे बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि रेलवे बोर्ड ने 16 अप्रैल 2018 को सभी जोनल रेलवे को एक सर्कुलर जारी कर साइडिंग और गोदामों की देखरेख के लिए निर्देश दिया था. इस निर्देश में ये भी शामिल था कि लोडिंग और अनलोडिंग वाली जगहों के निर्माण के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण नियमों के मुताबिक सहमति प्राप्त करनी होगी. हर लोडिंग और अनलोडिंग वाले स्थानों पर ट्रैफिक के लिए पर्याप्त जगह मुहैया कराई जाएगी. इसके साथ ही वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पानी का नियमित छिड़काव किया जाएगा.

वायु प्रदूषण निर्धारित मात्रा से काफी अधिक
पिछले 4 अप्रैल को जब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग का निरीक्षण किया तो पाया कि वायु प्रदूषण निर्धारित मात्रा से काफी अधिक थी. पानी के छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रेलवे पर 91 लाख 20 हजार रुपये के जुर्माने की अनुशंसा की.

Intro:नई दिल्ली । नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने उत्तरप्रदेश के फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग और गोदाम में ट्रकों से सीमेंट, फर्टिलाइजर और अनाज की लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान वायु प्रदूषण पर लगाम न लगा पाने पर फैजाबाद रेलवे प्रशासन को फटकार लगाई है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने लखनऊ के रेलवे के एडिशनल डीआरएम को निर्देश दिया कि वो एक महीने में जरुरी कदम उठाएं और उसकी रिपोर्ट एनजीटी और रेलवे बोर्ड को दें।


Body:एनजीटी ने रेलवे बोर्ड को निर्देश दिया कि वो इस आदेश के अनुपालन रिपोर्ट के साथ अगली सुनवाई के दिन किसी वरिष्ठ अधिकारी को पेश करें। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
एनजीटी ने उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो रेलवे से 91 लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना वसूले। सुनवाई के दौरान लखनऊ के एडिशनल डीआरएम ने एनजीटी से कहा कि एक महीने के अंदर पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिए जरुरी उपाय किए जाएंगे।
याचिका फैजाबाद के ही शिवांश पांडेय ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग में ट्रकों से लोडिंग और अनलोडिंग की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ गया है। इससे नजदीकी नील विहार कालोनी के लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होती है। याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 3 जनवरी को उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रेलवे को निर्देश दिया था कि वो एक कवर्ड शेड का निर्माण करे और पानी का छिड़काव करे ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। इसके अलावा लोडिंग और अनलोडिंग के समय सुरक्षा मानकों के लिए भी उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश दिया था। एनजीटी ने पाया कि रेलवे उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहा।
26 सितंबर को रेलवे बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि रेलवे बोर्ड ने 16 अप्रैल 2018 को सभी जोनल रेलवे को एक सर्कुलर जारी कर साइडिंग और गोदामों की देखरेख के लिए निर्देश दिया था। इस निर्देश में ये भी शामिल था कि लोडिंग और अनलोडिंग वाली जगहों के निर्माण के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरण नियमों के मुताबिक सहमति प्राप्त करनी होगी। हर लोडिंग और अनलोडिंग वाले स्थानों पर ट्रैफिक के लिए पर्याप्त जगह मुहैया कराए जाएंगे। इसके साथ ही वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पानी का नियमित छिड़काव किया जाएगा।



Conclusion:पिछले 4 अप्रैल को जब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फैजाबाद रेलवे स्टेशन के साइडिंग का निरीक्षण किया तो पाया कि वायु प्रदूषण निर्धारित मात्रा से काफी अधिक थी। पानी के छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रेलवे पर 91 लाख 20 हजार रुपये के जुर्माने की अनुशंसा की।
Last Updated : Oct 15, 2019, 8:27 AM IST
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