नई दिल्ली: 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज केस में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई 30 जून तक के लिए टल गई. मामले की सुनवाई अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी (एसीएमएम) विधि गुप्ता के कोर्ट में हुई. उन्होंने केस का अध्ययन करने के लिए मामले में आगे की तारीख तय की.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि दंगे के पीड़ित लंबे समय से न्याय का इंतजार कर रहे हैं. इस मामले के इतने गवाह और सबूत हैं कि टाइटलर को फांसी नहीं तो उम्रकैद की सजा तो जरूर होगी.
इससे पहले दो जून को हुई सुनवाई में 20 मई को टाइटलर के खिलाफ दाखिल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट को कोर्ट ने मंजूरी दे दी थी. साथ ही मामले की अगली सुनवाई आठ जून को तय की थी. इस केस को एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा चलाने के लिए ट्रांसफर किया गया है.
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20 मई को CBI ने टाइटलर के खिलाफ दाखिल की थी चार्जशीटः CBI ने 20 मई को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश गुरुद्वारा आगजनी मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. अप्रैल में पुल बंगश गुरुद्वारा मामले में टाइटलर सीबीआई कोर्ट में पेश हुए और अपनी आवाज के नमूने दिए थे. टाइटलर पर 1984 के पुल बंगश मामले में एक भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप है, जिसमें तीन सिख मारे गए थे. सीबीआई ने कांग्रेस नेता को पहले क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन चार दिसंबर 2015 के आदेश के बाद सिख दंगे की जांच फिर से शुरू कर दी गई थी.
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