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चाइनीज बायकॉट से नेहरू प्लेस मार्केट में आई सामान की किल्लत, बढ़े दाम

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की मार्केट नेहरू प्लेस में सामान की किल्लत आ खड़ी हो गई है. नेहरू प्लेस मार्केट में 90 फीसदी तक सामान चीन से आता है. जो लॉकडाउन से ही लगभग पूरी तरीके से बंद है. चीन से सामान नहीं आ पा रहा है. जिसके चलते मार्केट में सामान की किल्लत तो आ ही गई है. साथ ही सामान महंगा भी हो गया है.

delhi nehru place market
चाइनीज बायकॉट से सामान की किल्लत
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Published : Sep 3, 2020, 11:39 AM IST

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की मार्केट नेहरू प्लेस में सामान की किल्लत आ खड़ी हो गई है. व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन से ही चीन के साथ व्यापार पूरी तरीके से प्रभावित है. जिस सामान का ऑर्डर 4-5 महीने पहले दिया था, वो अभी तक नहीं पहुंचा है. इसके अलावा मौजूदा हालात के चलते ऑनलाइन क्लास और वर्क फ्रॉम होम (work-from-home) के कारण लोग कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन ज्यादा खरीद रहे हैं.

मार्केट में सामान की किल्लत
90 फीसदी चीन पर निर्भर नेहरू प्लेस मार्केट


इस स्थिति का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम मार्केट पहुंची और अलग-अलग व्यापारियों और ऑल दिल्ली कंप्यूटर ट्रेडर एसोसिएशन (ADCTA) के सदस्यों से बात की गई. जिन्होंने बताया नेहरू प्लेस मार्केट में 90 फीसदी तक सामान चीन से आता है. जो लॉकडाउन से ही लगभग पूरी तरीके से बंद है. चीन से सामान नहीं आ पा रहा है. जिसके चलते मार्केट में सामान की किल्लत तो आ ही गई है. साथ ही सामान महंगा भी हो गया है.



10 गुना तक बढ़ी कंप्यूटर-लैपटॉप-टेबलेट की डिमांड


मार्केट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी स्वर्ण सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना काल में आईटी से जुड़ा सामान भी जरूरी सामान में शामिल हो गया है. क्योंकि लोग घर पर ही रह कर काम कर रहे हैं. बच्चे घर पर ही रह कर पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में हर किसी के लिए मोबाइल, फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, टेबलेट बेहद आवश्यक हो गया है. ऐसे में जहां पहले अगर एक लाख सामान की डिमांड होती थी, तो वो अब 10 गुना तक बढ़ गई है.

भारत में नहीं होता इलेक्ट्रॉनिक और टेक्निकल सामान का प्रोडक्शन


व्यापारी जेपी अग्रवाल ने कहा कि हम इलेक्ट्रॉनिक और टेक्निकल सामान के लिए पूरी तरीके से चीन पर निर्भर है क्योंकि हमारे देश में सामान का प्रोडक्शन नहीं होता. चाइना से ही सामान आता है, लेकिन मौजूदा हालात के चलते चाइना से व्यापार लगभग बंद ही है.

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं. हम उसके साथ हैं, लेकिन उस प्रॉजेक्ट को खड़ा होने में 2 से 3 साल लगेंगे. जब तक देश में ऐसे जरूरी सामान की कमी ना आए. इसके लिए सरकार को सोचना होगा.



ऑनलाइन नहीं खरीद रहे लोग सामान


इसके साथ ही एक व्यापारी ने कहा कि मार्च से पहले जिस सामान का ऑर्डर दिया था, वो अभी तक नहीं आया है. कई टेंडर्स भी बीच में ही रुके पड़े हैं. जिसके चलते लोगों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है. और अधिकतर लोग टेक्निकल समान ऑनलाइन ऑर्डर करने से बेहतर नेहरू प्लेस मार्केट में आकर खुद चेक करके खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. इसीलिए भी मार्केट में मांग ज्यादा बढ़ गई है. लेकिन व्यापारी मजबूर है, क्योंकि सामान मार्केट में नहीं आ पा रहा है. जिससे लोगों की मांग पूरी नहीं कर पा रहे.

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की मार्केट नेहरू प्लेस में सामान की किल्लत आ खड़ी हो गई है. व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन से ही चीन के साथ व्यापार पूरी तरीके से प्रभावित है. जिस सामान का ऑर्डर 4-5 महीने पहले दिया था, वो अभी तक नहीं पहुंचा है. इसके अलावा मौजूदा हालात के चलते ऑनलाइन क्लास और वर्क फ्रॉम होम (work-from-home) के कारण लोग कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन ज्यादा खरीद रहे हैं.

मार्केट में सामान की किल्लत
90 फीसदी चीन पर निर्भर नेहरू प्लेस मार्केट


इस स्थिति का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम मार्केट पहुंची और अलग-अलग व्यापारियों और ऑल दिल्ली कंप्यूटर ट्रेडर एसोसिएशन (ADCTA) के सदस्यों से बात की गई. जिन्होंने बताया नेहरू प्लेस मार्केट में 90 फीसदी तक सामान चीन से आता है. जो लॉकडाउन से ही लगभग पूरी तरीके से बंद है. चीन से सामान नहीं आ पा रहा है. जिसके चलते मार्केट में सामान की किल्लत तो आ ही गई है. साथ ही सामान महंगा भी हो गया है.



10 गुना तक बढ़ी कंप्यूटर-लैपटॉप-टेबलेट की डिमांड


मार्केट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी स्वर्ण सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना काल में आईटी से जुड़ा सामान भी जरूरी सामान में शामिल हो गया है. क्योंकि लोग घर पर ही रह कर काम कर रहे हैं. बच्चे घर पर ही रह कर पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में हर किसी के लिए मोबाइल, फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, टेबलेट बेहद आवश्यक हो गया है. ऐसे में जहां पहले अगर एक लाख सामान की डिमांड होती थी, तो वो अब 10 गुना तक बढ़ गई है.

भारत में नहीं होता इलेक्ट्रॉनिक और टेक्निकल सामान का प्रोडक्शन


व्यापारी जेपी अग्रवाल ने कहा कि हम इलेक्ट्रॉनिक और टेक्निकल सामान के लिए पूरी तरीके से चीन पर निर्भर है क्योंकि हमारे देश में सामान का प्रोडक्शन नहीं होता. चाइना से ही सामान आता है, लेकिन मौजूदा हालात के चलते चाइना से व्यापार लगभग बंद ही है.

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत और डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं. हम उसके साथ हैं, लेकिन उस प्रॉजेक्ट को खड़ा होने में 2 से 3 साल लगेंगे. जब तक देश में ऐसे जरूरी सामान की कमी ना आए. इसके लिए सरकार को सोचना होगा.



ऑनलाइन नहीं खरीद रहे लोग सामान


इसके साथ ही एक व्यापारी ने कहा कि मार्च से पहले जिस सामान का ऑर्डर दिया था, वो अभी तक नहीं आया है. कई टेंडर्स भी बीच में ही रुके पड़े हैं. जिसके चलते लोगों की मांग पूरी नहीं हो पा रही है. और अधिकतर लोग टेक्निकल समान ऑनलाइन ऑर्डर करने से बेहतर नेहरू प्लेस मार्केट में आकर खुद चेक करके खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. इसीलिए भी मार्केट में मांग ज्यादा बढ़ गई है. लेकिन व्यापारी मजबूर है, क्योंकि सामान मार्केट में नहीं आ पा रहा है. जिससे लोगों की मांग पूरी नहीं कर पा रहे.

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