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पुराना किला में नए संग्रहालय का उद्घाटन, रखी गईं कई ऐतिहासिक मूर्तियां

दिल्ली में यूं तो कई ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, जिनमें रखी वस्तुएं भारतीय पौराणिक विरासत की कहानियां बयां करती हैं. इसी कड़ी में शनिवार को एक और नाम जुड़ गया, जो भारतीय इतिहास और विरासत की सम्पन्नता की कहानी कहता है.

पुराना किला संग्रहालय etv bharat
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Published : Sep 1, 2019, 3:57 AM IST

नई दिल्ली: पुराना किला परिसर में शनिवार को एक संग्रहालय का उद्घाटन किया गया. जो पूरे भारत में सबसे खास है. इस संग्रहालय में उन मूर्तियों और वस्तुओं को जगह दी गई है, जिन्हें भारी मशक्कत के बाद ढूंढा गया है या चोरों के चंगुल से छुड़ाया गया है.

संग्रहालय में रखी गईं ऐतिहासिक मूर्तियां

यहां 6ठी,7वीं, 10वीं व15वीं सदी की कई बुद्ध, नटराज व विष्णु की प्रतिमाएं हैं.

म्यूजियम में रखी गयी कई ऐतिहासिक मूर्तियां
यहां स्थानक बुद्ध की एक प्रतिमा रखी गई है, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की पूर्व महानिदेशक ने 1987 में बौद्ध मठ में देखा था. लेकिन उसके कुछ दिन बाद वो मूर्ति वहां नहीं थी.

फिर उसकी शिकायत दर्ज कराई गई और 1999 में वो मूर्ति फिर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मिल सकी. ऐसी ही यहां एक नटराज की प्रतिमा है, जो चोरी हो गई थी, लेकिन भारी मशक्कत के बाद पुरातत्व सर्वेक्षण उसे पाने में कामयाब हो गया.

लेटे हुए विष्णु की भी यहां एक ऐतिहासिक मूर्ति रखी गई है. इन सबके अलावा यहां ताम्रपत्र, कई शदी न पुरानी कुल्हाड़ी आदि भी यहां रखी गयी है. यहां रखी मूर्तियों और वस्तुओं को देखने के अलावा पर्यटक ये भी जान पाएंगे कि वो कहां से गायब हुई थीं और कैसे उन्हें वापस पाया गया.

नई दिल्ली: पुराना किला परिसर में शनिवार को एक संग्रहालय का उद्घाटन किया गया. जो पूरे भारत में सबसे खास है. इस संग्रहालय में उन मूर्तियों और वस्तुओं को जगह दी गई है, जिन्हें भारी मशक्कत के बाद ढूंढा गया है या चोरों के चंगुल से छुड़ाया गया है.

संग्रहालय में रखी गईं ऐतिहासिक मूर्तियां

यहां 6ठी,7वीं, 10वीं व15वीं सदी की कई बुद्ध, नटराज व विष्णु की प्रतिमाएं हैं.

म्यूजियम में रखी गयी कई ऐतिहासिक मूर्तियां
यहां स्थानक बुद्ध की एक प्रतिमा रखी गई है, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की पूर्व महानिदेशक ने 1987 में बौद्ध मठ में देखा था. लेकिन उसके कुछ दिन बाद वो मूर्ति वहां नहीं थी.

फिर उसकी शिकायत दर्ज कराई गई और 1999 में वो मूर्ति फिर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मिल सकी. ऐसी ही यहां एक नटराज की प्रतिमा है, जो चोरी हो गई थी, लेकिन भारी मशक्कत के बाद पुरातत्व सर्वेक्षण उसे पाने में कामयाब हो गया.

लेटे हुए विष्णु की भी यहां एक ऐतिहासिक मूर्ति रखी गई है. इन सबके अलावा यहां ताम्रपत्र, कई शदी न पुरानी कुल्हाड़ी आदि भी यहां रखी गयी है. यहां रखी मूर्तियों और वस्तुओं को देखने के अलावा पर्यटक ये भी जान पाएंगे कि वो कहां से गायब हुई थीं और कैसे उन्हें वापस पाया गया.

Intro:दिल्ली में यूं तो कई ऐसे पुरातात्विक और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, जिनमें रखी वस्तुएं भारतीय पौराणिक विरासत की कहानियां बयां करती हैं. इनमें शनिवार को एक और नाम जुड़ गया, जो न सिर्फ पर्यटकों के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय इतिहास और विरासत की सम्पन्नता की कहानी कहता है.


Body:नई दिल्ली: पुराना किला परिसर में शनिवार को एक ऐसे संग्रहालय का उद्घाटन हुआ, जो पूरे भारत भर में सबसे खास है. इस संग्रहालय में उन मूर्तियों और वस्तुओं को जगह दी गई है, जिन्हें भारी मशक्कत के बाद या तो चोरों के चंगुल से छुड़ाया गया या फिर बहुत ढूंढ कर निकाला गया.

यहां 6ठी-7वीं व 10वीं-15वीं शती की कई बुद्ध, नटराज व विष्णु की प्रतिमाएं हैं. यहां स्थानक बुद्ध की एक प्रतिमा रखी गई है, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की पूर्व महानिदेशक ने 1987 में बौद्ध मठ में देखा था, लेकिन उसके कुछ दिन बाद वो मूर्ति वहां नहीं थी. फिर उसकी शिकायत दर्ज कराई गई और 1999 में वो मूर्ति फिर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मिल सकी.

ऐसी ही यहां एक नटराज की प्रतिमा है, जो चोरी हो गई थी, लेकिन भारी मशक्कत के बाद पुरातत्व सर्वेक्षण उसे पाने में कामयाब हो गया. लेटे हुए विष्णु की भी यहां एक ऐतिहासिक मूर्ति रखी गई है. इन सबके अलावा यहां ताम्रपत्र, कई शदी न पुरानी कुल्हाङी आदि भी यहां रखा गया है.





Conclusion:यहां रखी मूर्तियों और वस्तुओं को देखने के अलावा पर्यटक ये भी जान पाएंगे कि वो कहां से गायब हुई थीं और कैसे उन्हें वापस पाया गया.
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