नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय की वित्तीय सहायता योजना (एफएसएस) के तहत अब तक एक हजार से अधिक जरूरतमंद स्टूडेंट्स को करीब एक करोड़ रुपए का लाभ मिल चुका है. विश्वविद्यायल के डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने इस योजना के क्रियान्वयन का कार्य नोडल कार्यालय के रूप में डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) कार्यालय को सौंपा था.
प्रो. अरोड़ा ने बताया कि भारत सरकार के सबका साथ-सबका विकास आदर्श वाक्य को दर्शाती इस योजना की प्रक्रियाओं को रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता के मार्गदर्शन में अंतिम रूप दिया गया. डीएसडब्ल्यू कार्यालय ने योग्य उम्मीदवारों से आवश्यक डेटा जुटाया. विधिवत सत्यापन के पश्चात (जिसमें आवेदकों की गृह यात्रा शामिल है) पढ़ाई के शुल्क में छूट के वितरण के लिए विद्यार्थियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है.
उन्होंने बताया कि इस योजना से अब तक एक हजार से अधिक विद्यार्थियों को लाभ मिला है. जिसकी राशि एक करोड़ रुपये से अधिक है. वीसी प्रो. योगेश सिंह के कुशल नेतृत्व में डीयू अपने विद्यार्थियों को समग्र और समावेशी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके अनुरूप ही डीयू के शताब्दी समारोह के दौरान विश्वविद्यालय ने कुलपति के निर्देशानुसार, आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को फीस में छूट प्रदान करने के लिए एक वित्तीय सहायता योजना की घोषणा की गई थी. यह योजना सभी विद्यार्थियों को एक समावेशी और सक्षम वातावरण प्रदान करने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है.
कौन कर सकता है आवेदनः इस योजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों/ संस्थानों में अध्ययन करने वाला कोई भी पूर्णकालिक बोनाफाइड विद्यार्थी आवेदन करने के लिए पात्र है. योजना के तहत 4,00,000 रुपए से कम पारिवारिक आय वाले विद्यार्थियों को शुल्क में 100% तक छूट मिलती है. जबकि 4,00,000 से 8,00,000 रुपए तक पारिवारिक आय वाले विद्यार्थियों को शुल्क में 50% तक छूट का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि पिछले परीक्षा पत्रों के ईआर/ एरियर वाले उम्मीदवार योजना में आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं.
उच्च शिक्षा पाना सबका अधिकारः प्रो. अरोड़ा ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय का मानना है कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है. यह नई वित्तीय सहायता योजना यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी बिना वित्तीय बोझ के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें. विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि यह पहल विविध पृष्ठभूमि वाले और अधिक विद्यार्थियों को दिल्ली विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के अपने सपनों को पूरा करने और देश की प्रगति में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगी.