नई दिल्ली: दशकों से सेवा दे रहे दिल्ली सरकार के अधिकारियों की शिकायत दूर करने के लिए गृह मंत्रालय अब आगे आया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व मुख्य सचिव डॉ. एमएम कुट्टी की नेतृत्व में एक कमेटी गठित की है, जो दिल्ली सरकार में कार्यरत दानिक्स व दास (दिल्ली प्रशासनिक अधीनस्थ सेवाएं) कैडर के अधिकारियों की सेवा शर्तों की विसंगतियों को हल करने के संबंध में सुझाव तैयार करेंगे. दानिक्स यानि दिल्ली अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल सर्विसेज, इस कैडर के दिल्ली में 200 से ज्यादा अधिकारी हैं. जो अलग-अलग विभागों में तैनात हैं और अपनी सेवा दे रहे हैं.
कमेटी दो महीने में देगी रिपोर्ट
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव पद पर रह चुके डॉ. एमएम कुट्टी अभी पेट्रोलियम मंत्रालय में सचिव के पद से 2 महीने पहले ही रिटायर्ड हो चुके हैं. उनकी नेतृत्व में अब दिल्ली सरकार के अधिकारियों की शिकायतों को दूर करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी को दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया है.
विभागीय विसंगतियों को दूर करने की मांग
गृह मंत्रालय ने इस कमेटी को दानिक्स अफसरों के एसोसिएशन द्वारा ट्रांसफर पोस्टिंग मामले की विसंगतियों को दूर करने के लिए सुझाव देने को कहा है. साथ ही दानिक्स अधिकारियों द्वारा सेवा शर्तों में विसंगतियों का मामला उठाया गया है. जिसे दूर करने के लिए इस कमेटी को सुझाव देना है.
इसके अलावा दास कैडर के अधिकारियों की सेवा शर्त की विसंगतियों को दूर करने के लिए यही समिति सुझाव देगी. इन दोनों कैडर दानिक्स व दास से संबंधित किसी अन्य महत्वपूर्ण विषय में भी विमर्श व सुझाव देने को यही कमेटी अधिकृत है.
कैडर की मुख्य समस्याएं
दिल्ली सरकार में कार्यरत दानिक्स अधिकारी को सेवा नियमों के अनुसार 8 साल के कार्यकाल के बाद आईएएस में प्रोन्नति मिलने का प्रावधान है. लेकिन पिछले 10 वर्षों में दानिक्स अधिकारी 18 साल की सेवा के बाद आईएएस में प्रोन्नत हो रहे हैं.
जिससे इस कैडर के अधिकारियों में भारी रोष व्याप्त है. इसी प्रकार दास कैडर के अधिकारियों के प्रोन्नति में भी विसंगतियां हैं. वह उन्हें एडहॉक दानिक्स में प्रोन्नति दी जाती है, जो दास कैडर कर्मियों को स्वीकार्य नहीं है.