नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने संबंधी फाइल पर अब विदेश मंत्रालय फैसला लेगा. इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए स्वाति मालीवाल द्वारा भेजे गए आवेदन को उपराज्यपाल ने स्वीकृति दे दी है. लेकिन अंतिम मंजूरी लेने के लिए विदेश मंत्रालय के पास उसे भेजा गया है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि 23 दिन बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने विदेश दौरे को लेकर फाइल साइन कर विदेश मंत्रालय को भेजी है. दो दिन बाद उन्हें हॉर्वर्ड में आयोजित सम्मेलन में वकतव्य देना है उन्होंने इसलिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से विनती की है कि वे फाइल को जल्द मंजूरी दें. दरअसल स्वाति मालीवाल को अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वार्षिक भारत सम्मेलन में वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है. यह सम्मेलन 11-12 फरवरी, 2023 तक आयोजित किया जाएगा. इस सम्मेलन का विषय है 'विजन 2047: स्वतंत्रता के 100 वर्षों में भारत.'
हार्वर्ड विश्वविद्यालय, 'वार्षिक भारत सम्मेलन' में वैश्विक समुदाय के साथ अपने काम और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए नीति निर्माताओं, व्यापारिक नेताओं, सांस्कृतिक और अकादमिक विशेषज्ञों के लिए एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करता है. इस सम्मेलन में अतीत के भारतीय मंत्रियों से लेकर व्यापारिक नेताओं और प्रभावशाली लोगों की मेजबानी करने का इतिहास रहा है. इससे पहले नितिन गडकरी, अमर्त्य सेन, जोया अख्तर, विनोद राय, अजीम प्रेमजी, शशि थरूर, पी. चिदंबरम और महुआ मोइत्रा द्वारा सम्मेलन को संबोधित किया जा चुका है. स्वाति मालीवाल, भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की भूमिका और आगे बढ़ने के तरीके पर जमीनी और नीतिगत स्तर पर अपने वर्षों के काम से अपने अनुभव को साझा करेंगी.
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स्वाति मालीवाल का कहना है कि, यह गर्व की बात है कि आयोग के काम को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है और मुझे वैश्विक मंच पर भारतीय राजनीति में महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है. वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की यात्रा करने और अन्य वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत करने के साथ अपने देश की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द से जल्द उन्हें अपेक्षित मंजूरी दी जाएगी ताकि वे वैश्विक मंच पर भारत के समृद्ध और जीवंत लोकतंत्र पर अपने विचार साझा कर सकें.
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