नई दिल्लीः दिल्ली से सटे गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने शनिवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 9 ट्रक को कूड़ा डंप करते हुए पकड़ने का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि बिना इजाजत दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डाला जा रहा है. वहीं, अब इस मामले में एमसीडी की तरफ से सफाई दी गई है. एमसीडी ने गाजियाबाद मेयर के आरोपों को खारिज कर दिया है.
एमसीडी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डाले जाने की बात कही जा रही है. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइट पर मौजूद पहले से जमा कूड़े के बायो माइनिंग कार्य का एक एकीकृत ठेका एक कंपनी को दिया है. इसके तहत, अनुबंधित फर्म ही कूड़े की बायोमाइनिंग और इससे अलग किए गए कूड़े के विभिन्न भागों का तय मानकों के अनुरूप निस्तारण करने के लिए जिम्मेदार है. बायोमाइनिंग प्रक्रिया से निकलने वाले रिफ्यूज्ड डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ) सामग्री के निस्तारण के लिए इसी कंपनी द्वारा गाजियाबाद स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र में कुछ व्यवस्था की गई है.
बयान में कहा गया कि इस प्रकार ना तो एमसीडी द्वारा गाजियाबाद में कूड़ा डाला जा रहा है और ना ही एमसीडी के वाहनों का वहां इस्तेमाल किया जा रहा है. गौरतलब है कि सिर्फ वेस्ट टू एनर्जी संयंत्रों में आरडीएफ सामग्री के उपयोग की अनुमति होती है.
बता दें, महापौर सुनीता दयाल ने दावा किया था कि गाजियाबाद के मोरटा में एमसीडी के छह ट्रक दिल्ली का कूड़ा डंप कर रहे थे, जिसे उन्होंने पकड़ा है. उन्होंने कहा कि जब ट्रक ड्राइवरों से पूछताछ की गई कि कूड़ा लेकर कहां जा रहे हैं तो उनके द्वारा बताया गया कि कूड़े को मोरटा पर डालने जा रहे हैं. ड्राइवरों द्वारा बताया गया कि रात में भी कूड़े को ट्रकों में भरकर लाकर डंप किया जाता है.
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