नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव के लिए रविवार सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हो जाएगा. चुनाव आयोग के निर्देशों के मद्देनजर प्रत्याशी आज प्रचार तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे अपने घरों में भी नहीं बैठे हैं. कल क्या होगा इस बात की चिंता उनका चैन-सूकून ले उड़ी है. लेकिन इस चुनाव में एक बात तो साफ है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव(Delhi Municipal Corporation Election) में पार्टी जो भी जीते इस बार दबदबा महिलाओं का होगा. तीनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने जिस तरह महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है, निगम में इनका ही सिक्का चलेगा. बीते दिनों नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रचार में महिला उम्मीदवारों को उनके वार्ड में विशेष स्नेह मिला.
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एमसीडी के 250 वार्डों में तीन प्रमुख पार्टियों 747 उम्मीदवार मैदान में हैं. उनमें सबसे अधिक महिला उम्मीदवार हैं. तीनों प्रमुख दलों के कुल उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या आधे से भी अधिक है. 747 उम्मीदवारों में से करीब 55 फीसदी महिला उम्मीदवार हैं. अगर निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के महिला उम्मीदवारों को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो इनकी संख्या करीब 58 फीसदी तक पहुंच जाती है. बीजेपी ने सबसे अधिक 138 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है.
इसी तरह आम आदमी पार्टी ने 135 जबकि कांग्रेस ने 133 महिलाओं को टिकट दिया है. तीनों पार्टियों के 747 उम्मीदवारों में से कुल 406 महिलाएं शामिल हैं. ऐसे में निगम चुनाव में महिला उम्मीदवारों का ही दबदबा है. कुछ ऐसे भी वार्ड हैं जो महिला वार्ड ना होकर जनरल वार्ड हैं उन वार्ड में महिला उम्मीदवारों को महिलाएं ही कड़ी टक्कर दे रही हैं. निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस की नजर भी इस बार अल्पसंख्यक और दलित वोटरों पर हैं कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि मौजूदा हालत में इन दोनों ही वर्गों के वोटर अपनी अनदेखी से खुश नहीं है. इसका लाभ पार्टी को मिलेगा.
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