नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा के चौहान बांगर वार्ड में एमसीडी चुनाव को लेकर तमाम दलों ने खूब जोर आजमाइश की है. नगर निगम के वार्ड-41ई चौहान बांगर सीट पर सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला होता दिख रहा है, जिस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. यहां से सीलमपुर के पूर्व विधायक आप प्रत्याशी मोहम्मद इशराक खान के खिलाफ कांग्रेस से पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबैर अहमद मैदान में हैं. वहीं, बीजेपी ने भी इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है और मो. नजीर अंसारी को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
क्यों खाली हुई थी सीट
चौहान बांगर वार्ड दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के बाद से ही खाली है. 2017 निगम चुनाव के दौरान इस सीट पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा किया था. 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने इशराक खान का टिकट काट कर चौहान बांगर के पार्षद अब्दुल रहमान को चुनाव लड़वाया. अब्दुल रहमान ने इस सीट पर मतीन अहमद को हराया था और विधायक बने थे.
एक नजर में
- 2020 विधानसभा चुनाव के बाद से सीट खाली
- पार्षद अब्दुल रहमान विधानसभा चुनाव में बने विधायक
- आप की तरफ से पूर्व विधायक ने इशराक खान मैदान में
- कांग्रेस की तरफ से चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबैर अहमद मैदान में
- बीजेपी ने भी मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है. मो. नजीर अंसारी मैदान में हैं
मतदाता
चौहान बांगर सीट पर कुल मतदाताओं की बात करें तो यहां कुल वोटर्स की संख्या 39,607 है, जिसमें 21,029 पुरुष और 18,578 महिलाएं हैं.
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हालांकि ये सीट भाजपा के खाते में कभी नहीं रही, लेकिन इस बार पार्टी भी यहां पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है. पार्टी ने जिले के अपने अल्पसंख्यक चेहरे नाजिर अंसारी को प्रत्याशी बनाया है. बहरहाल, मुख्य लड़ाई आप और कांग्रेस में ही नजर आ रही है. जुबेर जीते तो मतीन अहमद की राजनीति को भी संजीवनी मिल जाएगी. स्थानीय लोगों की मानें तो चौहान बांगर में मतीन का काफी प्रभाव है. इसका फायदा उनके बेटे को मिल सकता है. वहीं इशराक खान की छवि अच्छी बताई जाती है. चुनाव जीतने में अगर वह कामयाब रहे तो उनके पास अपनी राजनीति बचाने का मौका मिल जाएगा.
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