नई दिल्ली: पिछले दिनों दक्षिणी दिल्ली के बसन्तकुंज के जंगली इलाके में दो मासूम बच्चों की लाश मिलने से हड़कंप मच गया था. आरोप लगाया गया कि इनकी मौत आवारा कुत्तों के नोचने के कारण हो गई. दिल्ली में कुत्तों की लगातार बढ़ती जनसंख्या को लेकर दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने निगम मुख्यालय पर सम्बंधित अधिकारियों सहित तमाम एनजीओ के साथ समीक्षा बैठक की.
बैठक के बाद उन्होंने बताया कि हमने इस पर चर्चा की कि किस तरह दिल्ली को आवारा जानवरों के कारण होने वाली समस्या से निजात दिलाई जा सके. स्टेरलाइजेशन की समीक्षा की. यह पता चला कि MCD के अभी 16 स्टेरलाइजेशन सेंटर ऑपरेशनल हैं. चार ऑपरेशनल नहीं हैं. यह भी बात सामने आई कि कुछ NGO भाजपा नेताओं के एसोसिएट्स के हैं, उनके बारे में भी शिकायतें मिलीं. सात आठ सालों से आवारा जानवरों की जनसंख्या नहीं की गई है.
आवार पशुओं से मुक्ति दिलाना हमारा लक्ष्यः मेयर ने कहा कि जिन बच्चों की मौत हुई, उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने नहीं आई है, ऐसे में सवाल बना हुआ है कि क्या उनकी मौत कुत्तों के काटने के कारण ही हुई है. MCD चुनाव के समय CM अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने का वादा किया था, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं. करीब दिल्ली में छह लाख आबादी आवारा कुत्तों की है, लेकिन यह 2016 की जनसंख्या के हिसाब से है. इस मौके पर डिप्टी मेयर आले इकबाल व नेता सदन मुकेश गोयल भी मौजूद रहे.