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मैक्स हॉस्पिटल में इलाज करा रही महिला ने चौथे चरण में ब्रेस्ट कैंसर को दी मात

दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक 52 वर्षीय महिला का ब्रेस्ट कैंसर का सफल इलाज किया है. महिला के ब्रेस्ट कैंसर का चौथे चरण में पता चल पाया था.

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Published : Oct 12, 2020, 1:00 PM IST

Max Hospital beats cancer in fourth stage and breast cancer ends in 10 years
52 साल की महिला ने कैंसर जैसी बीमारी को चौथे चरण में दी मात

नई दिल्ली: मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज ने कैंसर जैसी बीमारी पर जीत हासिल करते हुए इसे चौथे चरण में मात दे दी है. अस्पताल के विशेषज्ञों ने कैंसर को खत्म के लिए कई तरह की थेरेपी का इस्तेमाल किया. और ये एक 52 वर्षीय महिला के इलाज से संभव हुआ है, जिसके ब्रेस्ट में कैंसर था. जिसका चौथे चरण में पता चल पाया था.

52 साल की महिला ने कैंसर जैसी बीमारी को चौथे चरण में दी मात

महिला ने अपने इलाज को लेकर साझा किया अनुभव

52 वर्षीय महिला ने बताया कि उसका कैंसर का इलाज मैक्स अस्पताल में 10 साल तक चला, और इस इलाज के बाद आज वो पूरी तरह से ठीक हैं. और उनका कैंसर भी पूरी तरीके से खत्म हो गया है. महिला ने कहा कि वो एक स्कूल शिक्षिका थीं और उनके दो बच्चे हैं. और उन्हें जब अपने कैंसर के बारे में पता चला तो उन्हें लगा कि शायद अब वो कुछ ही महीनों की मेहमान हैं. लेकिन तब इस अस्पताल में पहुचीं और फिर डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया. कई थेरेपी दी गयी, बहुत तकलीफ भी हुई, इस दौरान उनके सारे बाल भी झड़ गए. लेकिन यहां के डॉक्टर और मेरे पति हमेशा मेरे साथ खड़े रहे. उन्होंने इसके लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के कैंसर विशेषज्ञों को धन्यवाद किया.

Max Hospital beats cancer in fourth stage and breast cancer ends in 10 years
चौथे चरण में कैंसर को मात

अंतिम चरण के कैंसर में शुरू हुआ इलाज

इसके साथ ही महिला का इलाज कर रही मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज और वैशाली के मेडिकल ऑन्कोलॉजी की निदेशक डॉ. मीनू वालिया ने बताया कि महिला के ब्रेस्ट कैंसर का उन्हें चौथे चरण में पता चला. जब का कैंसर असाध्य और वन-वे टिकट माना जाता है. उन्होंने इलाज कराने का फैसला किया तब तक उनका कैंसर पहले से ही स्तन से शरीर के बाकी हिस्सों में फैल चुका था. और इस स्टेज में ज्यादातर चिकित्सकों का यही मानना था कि वह एक-दो महीने से अधिक जीवित नहीं रहेंगी.

डॉक्टरों ने 10 साल तक किया महिला का इलाज

डॉक्टर ने कहा कि जब रुचि पहली बार अस्पताल आई थीं. उस समय कैंसर ऐसे एडवांस्ड चरण में था कि सर्जरी करने से कोई फायदा नहीं होता. इसलिए हमने उनके रोग की प्रगति के आधार पर अलग-अलग समय पर उन्हें कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी और टारगेटेड थेरेपी सहित कई प्रकार की चिकित्सा प्रदान की. हालांकि 2014 और 2019 में दो बार रुचि का कैंसर समाप्त हो गया था, लेकिन इस बीमारी को पिछले कुछ वर्षों में अच्छी तरह से नियंत्रित किया गया है. अब 2020 में किए गए नवीनतम स्कैन में सक्रिय कैंसर के कोई सबूत नहीं होने के साथ, कैंसर के खत्म होने का पता चला है.ये उन सभी कैंसर मरीजों के लिए जीवन की एम नई उम्मीद हैं.

नई दिल्ली: मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज ने कैंसर जैसी बीमारी पर जीत हासिल करते हुए इसे चौथे चरण में मात दे दी है. अस्पताल के विशेषज्ञों ने कैंसर को खत्म के लिए कई तरह की थेरेपी का इस्तेमाल किया. और ये एक 52 वर्षीय महिला के इलाज से संभव हुआ है, जिसके ब्रेस्ट में कैंसर था. जिसका चौथे चरण में पता चल पाया था.

52 साल की महिला ने कैंसर जैसी बीमारी को चौथे चरण में दी मात

महिला ने अपने इलाज को लेकर साझा किया अनुभव

52 वर्षीय महिला ने बताया कि उसका कैंसर का इलाज मैक्स अस्पताल में 10 साल तक चला, और इस इलाज के बाद आज वो पूरी तरह से ठीक हैं. और उनका कैंसर भी पूरी तरीके से खत्म हो गया है. महिला ने कहा कि वो एक स्कूल शिक्षिका थीं और उनके दो बच्चे हैं. और उन्हें जब अपने कैंसर के बारे में पता चला तो उन्हें लगा कि शायद अब वो कुछ ही महीनों की मेहमान हैं. लेकिन तब इस अस्पताल में पहुचीं और फिर डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया. कई थेरेपी दी गयी, बहुत तकलीफ भी हुई, इस दौरान उनके सारे बाल भी झड़ गए. लेकिन यहां के डॉक्टर और मेरे पति हमेशा मेरे साथ खड़े रहे. उन्होंने इसके लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के कैंसर विशेषज्ञों को धन्यवाद किया.

Max Hospital beats cancer in fourth stage and breast cancer ends in 10 years
चौथे चरण में कैंसर को मात

अंतिम चरण के कैंसर में शुरू हुआ इलाज

इसके साथ ही महिला का इलाज कर रही मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज और वैशाली के मेडिकल ऑन्कोलॉजी की निदेशक डॉ. मीनू वालिया ने बताया कि महिला के ब्रेस्ट कैंसर का उन्हें चौथे चरण में पता चला. जब का कैंसर असाध्य और वन-वे टिकट माना जाता है. उन्होंने इलाज कराने का फैसला किया तब तक उनका कैंसर पहले से ही स्तन से शरीर के बाकी हिस्सों में फैल चुका था. और इस स्टेज में ज्यादातर चिकित्सकों का यही मानना था कि वह एक-दो महीने से अधिक जीवित नहीं रहेंगी.

डॉक्टरों ने 10 साल तक किया महिला का इलाज

डॉक्टर ने कहा कि जब रुचि पहली बार अस्पताल आई थीं. उस समय कैंसर ऐसे एडवांस्ड चरण में था कि सर्जरी करने से कोई फायदा नहीं होता. इसलिए हमने उनके रोग की प्रगति के आधार पर अलग-अलग समय पर उन्हें कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी और टारगेटेड थेरेपी सहित कई प्रकार की चिकित्सा प्रदान की. हालांकि 2014 और 2019 में दो बार रुचि का कैंसर समाप्त हो गया था, लेकिन इस बीमारी को पिछले कुछ वर्षों में अच्छी तरह से नियंत्रित किया गया है. अब 2020 में किए गए नवीनतम स्कैन में सक्रिय कैंसर के कोई सबूत नहीं होने के साथ, कैंसर के खत्म होने का पता चला है.ये उन सभी कैंसर मरीजों के लिए जीवन की एम नई उम्मीद हैं.

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