नई दिल्ली/नोएडा: इंजीनियर को बंधक बनाकर लूटने के मामले में बीते एक माह से फरार चल रही गिरोह की सरगना लेडी डॉन को प्रेमी संग नोएडा पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. दोनों के कब्जे से लूट की चेन, मोबाइल और 20 हजार 200 रुपए की नकदी बरामद हुई है. इस मामले में तीन बदमाशों को पूर्व में ही मुठभेड़ के दौरान पकड़ा जा चुका है. इनामी युवती की पहचान मनस्वी शुक्ला उर्फ श्रुति उर्फ गुनगुन उर्फ तारा के रूप में हुई, जबकि उसके पुरुष साथी की पहचान इटावा निवासी अमित कुमार उपाध्याय के रूप में हुई है. इस मामले में विनोद उर्फ मनोज अभी भी फरार है.
उम्र को लेकर संशय बरकरार: एसीपी सौम्या सिंह ने बताया कि तारा दिल्ली के एक नामी कॉलेज में बीटेक की पढ़ाई कर रही है. उसके पास से दो आधार कार्ड मिले हैं, जिसमें एक में उसकी आयु 19 जबकि दूसरे में 23 है. तारा और उसके साथी का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमें बीते एक माह से प्रदेश के कई जिलों सहित उत्तराखंड और महाराष्ट्र में दबिश दे रही थी. अंतिम लोकेशन हरिद्वार में मिलने के बाद उसने मोबाइल बंद कर लिया था. टीम वहां पर कई दिन तक डेरा डाले रही.
इसलिए कराई लूट: पूछताछ में युवती ने बताया कि उसके साथी ने कुछ समय पहले एक कंपनी बनाई थी. उसी दौरान कोरोना आ गया और उसे काफी घाटा हो गया. काफी प्रयास के बाद भी तारा और उसके साथी का कर्जा नहीं उतर रहा था. ऐसे में उसने लूट की योजना बनाई. इसके लिए कई दिन तक इसकी तैयारी की और युवकों को भर्ती किया. इसके बाद इंजीनियर की कार लूट ली. तारा विलासिता पूर्ण जिंदगी जीने की आदी है. वह पूर्व में भी कई लोगों से ठगी कर चुकी है.
दुष्कर्म की सूचना पर मचाया था हड़कंप: तारा ने कुछ माह पूर्व में फेज तीन थाने में अपने साथ दुष्कर्म होने की सूचना दी. सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच आया और वह मौके पर पहुंच गए. शीर्ष अधिकारियों की भी मामले पर नजर थी. जांच में घटना झूठी पाई गई. जेल भेजने के नाम पर उसे आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी.
बार-बार बदल रही थी लोकेशन: एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि वारदात के बाद तारा अपने साथी संग लगातार लोकेशन बदल रही थी. वह हरिद्वार, ऋषिकेश, नासिक और कोल्हापुर में इस दौरान रही. किसी काम से जब वह रविवार को साथी संग नोएडा पहुंची, तभी मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने उसे दबोच लिया. पूछताछ में सामने आया है कि तारा ने कुछ युवकों को नौकरी पर रखकर कनेक्शन एजेंट का काम दिया और उन्हें गुमराह करते हुए लूट कराई थी. युवकों को उसने 18-18 हजार रुपये की नौकरी पर रखा था.
क्या था मामला: एडीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि 30 जून को रात दस बजे के करीब सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली प्रिंसली सोसाइटी के इंजीनियर अनमोल मित्तल अपनी क्रेटा कार से पास की मार्केट से खाना पैक कराने गए थे. जब वह लौट रहे थे तभी तारा और उसके गिरोह के अन्य बदमाशों ने इंजीनियर को कार के अंदर ही दबोच लिया और सोने की चेन, अंगूठी, पर्स, मोबाइल, नकदी और क्रेटा कार लूट लिया.
लूट के बाद बदमाशों ने इंजीनियर को सड़क के किनारे फेंक दिया. इंजीनियर की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ लूट की धारा में केस दर्ज किया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. दो दिन बाद ही 2 जुलाई को जब गिरोह के तीन बदमाश नवीन, उमेंद्र बहादुर सिंह और शिवेंद्र सिंह लूट की फिराक में नोएडा आए थे, तभी मुठभेड़ के दौरान तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए. नवीन को घायल अवस्था में जबकि अन्य दोनों को घेरेबंदी कर दबोचा गया. बदमाशों के कब्जे से लूट की कार भी बरामद हुई थी.
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