ETV Bharat / state

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2023: गंगा स्नान करने से मिलेगी कई जन्मों के पापों से मुक्ति, यहां देखें महत्व मुहूर्त और पूजा विधि - मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि

Margshirsh Poornima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू धर्म में बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है. भक्त इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु और चंद्रमा भगवान की पूजा करते हैं. मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 25, 2023, 2:23 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मार्गशीर्ष पूर्णिमा का हिंदु धार्म में आध्यात्मिक महत्व है. मार्गशीर्ष का महीना पूरी तरह से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार इसी माह में सतयुग का प्रारंभ हुआ था. पुराणों में इस महीने को मासूनम मार्गशीर्षोहम् के नाम से भी जाना जाता है. इसका मतलब है कि मार्गशीर्ष महीने से ज्यादा शुभ और पवित्र कुछ भी नहीं है. मान्यता के अनुसार जो इस दिन गंगा स्नान करते हैं उनके सभी पापों का नाश हो जाता है. साथ ही भगवान विष्णु के साथ माता गंगा की कृपा बनी रहती है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण रूप में और अत्यंत प्रसन्न अवस्था में होता है. इस दिन को संरक्षक दिवस भी कहा जाता है. लोग चंद्रमा को जल, फूल और मिठाई चढ़ाकर पूजा करते हैं. जो मनुष्य भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा को गंगा स्नान बेहद ही शुभ माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और पूजा-पाठ करने से 32 गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है.

यह भी पढ़ें- Christmas Day 2023: दिल्ली के गोल डाकखाने चर्च के बाहर सजाया गया क्रिसमस का बाजार


० मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 26 दिसंबर 2023 सुबह 05:46 AM से शुरू.
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त: बुधवार, 27 दिसंबर 2023 सुबह 06:02 AM पर समाप्त.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि

1. सुबह उठकर पवित्र स्नान करें.

2. भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण, लड्डू गोपाल जी की मूर्ति या भगवान सत्यनारायण का चित्र और श्रीयंत्र रखें.

3. उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं.

4. उनके सामने देसी घी का दीया जलाएं.

5. माला और मिठाई जो घर में बनी हो (खीर या हलवा) अर्पित करें.

5. माला और मिठाई जो घर में बनी हो (खीर या हलवा) अर्पित करें.

6. विष्णु सहस्रनाम, श्री हरि स्तोत्र का पाठ करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें.

7. भगवान विष्णु को भोग प्रसाद (पंचामृत और पंजीरी) अवश्य चढ़ाएं.

8. भगवान विष्णु की आरती का जाप करें और भगवान का आशीर्वाद लें.

9. व्रत रखने वाले लोग शाम को भगवान चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं

10. भगवान चंद्रमा को जल, फूल और मिठाई चढ़ाकर उनका आशीर्वाद लें

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मार्गशीर्ष पूर्णिमा का हिंदु धार्म में आध्यात्मिक महत्व है. मार्गशीर्ष का महीना पूरी तरह से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार इसी माह में सतयुग का प्रारंभ हुआ था. पुराणों में इस महीने को मासूनम मार्गशीर्षोहम् के नाम से भी जाना जाता है. इसका मतलब है कि मार्गशीर्ष महीने से ज्यादा शुभ और पवित्र कुछ भी नहीं है. मान्यता के अनुसार जो इस दिन गंगा स्नान करते हैं उनके सभी पापों का नाश हो जाता है. साथ ही भगवान विष्णु के साथ माता गंगा की कृपा बनी रहती है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण रूप में और अत्यंत प्रसन्न अवस्था में होता है. इस दिन को संरक्षक दिवस भी कहा जाता है. लोग चंद्रमा को जल, फूल और मिठाई चढ़ाकर पूजा करते हैं. जो मनुष्य भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा को गंगा स्नान बेहद ही शुभ माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और पूजा-पाठ करने से 32 गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है.

यह भी पढ़ें- Christmas Day 2023: दिल्ली के गोल डाकखाने चर्च के बाहर सजाया गया क्रिसमस का बाजार


० मार्गशीर्ष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 26 दिसंबर 2023 सुबह 05:46 AM से शुरू.
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त: बुधवार, 27 दिसंबर 2023 सुबह 06:02 AM पर समाप्त.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि

1. सुबह उठकर पवित्र स्नान करें.

2. भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण, लड्डू गोपाल जी की मूर्ति या भगवान सत्यनारायण का चित्र और श्रीयंत्र रखें.

3. उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं.

4. उनके सामने देसी घी का दीया जलाएं.

5. माला और मिठाई जो घर में बनी हो (खीर या हलवा) अर्पित करें.

5. माला और मिठाई जो घर में बनी हो (खीर या हलवा) अर्पित करें.

6. विष्णु सहस्रनाम, श्री हरि स्तोत्र का पाठ करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें.

7. भगवान विष्णु को भोग प्रसाद (पंचामृत और पंजीरी) अवश्य चढ़ाएं.

8. भगवान विष्णु की आरती का जाप करें और भगवान का आशीर्वाद लें.

9. व्रत रखने वाले लोग शाम को भगवान चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत तोड़ सकते हैं

10. भगवान चंद्रमा को जल, फूल और मिठाई चढ़ाकर उनका आशीर्वाद लें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.