नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इन दिनों चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं. मुस्लिम मतदाता यहां की राजनीति को बहुत हद तक प्रभावित करते हैं इसलिए चुनावी समय में सभी दलों की नजरें इन पर टिकी हैं. पिछले कुछ दिनों से काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं.
सिर्फ अलग-अलग पार्टियों ही नहीं बल्कि धार्मिक संगठनों से जुड़े मुस्लिम नेता भी आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं. बीते 21 फरवरी को गोकलपुर विधानसभा से जुड़े कई मुस्लिम कांग्रेस नेताओं ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा.
AAP के साथ जुड़ रहा मुस्लिम समुदाय
इनमें ब्लॉक अध्यक्ष सिराजुद्दीन अंसारी बूथ अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल बूथ अध्यक्ष मोहम्मद इमरान शाह आलम रियासत अली आदि शामिल थे. इसके बाद 25 फरवरी को पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 2 लोकसभा प्रभरियों दिलीप पांडेय और आतिशी की उपस्थिति में कई मुस्लिम नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हुए.
'आप ने मुस्लिमों के लिए किया है काम'
25 फरवरी को निजामुद्दीन दरगाह के चेयरमैन सैयद अफसर अली निजामी, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सेक्रेट्री एवं यूनाइटेड फोरम फॉर पीस एंड हार्मनी के अध्यक्ष गुलफाम, कृष्णा नगर विधानसभा से पूर्व में बसपा के उम्मीदवार रहे हाजी कमरुद्दीन, स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के लिए शुरू से काम करते रहे शान ए राजा और तंजीम कौसर आदि ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस कार्यक्रम में शामिल रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसका जिक्र भी किया कि कैसे उनकी सरकार ने मुसलमानों के लिए काम किया है.
बीते दिनों जामा मस्जिद इलाके में हुई अरविंद केजरीवाल की जनसभा में भी आम आदमी पार्टी के प्रति मुस्लिम नेताओं का प्रेम दिखा था. वहां मंच से भाषण देने वाले कई स्थानीय मुस्लिम नेताओं ने इसका जिक्र भी किया कि आम आदमी पार्टी ने कैसे मुसलमानों के लिए काम किया है. इसमें हाल में मौलवियों को पेंशन देने की भी बात थी.