नई दिल्ली : डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसी भी संस्थान को पारंपरिक तौर पर मिले हुए ज्ञान को सर पर लेकर नहीं ढोना चाहिए. बल्कि हर रोज नई तकनीक नई स्कीम सीखनी चाहिए. वहीं मनीष सिसोदिया ने कहा कि दुनिया में तकनीकी विकास बहुत तेजी से हो रहा है और हम कह सकते हैं कि आने वाले समय में हमारा मुकाबला रोबोट से होने वाला है. ऐसे में उच्च शिक्षा व्यवस्था को इस तरह डिजाइन करना होगा कि आने वाले 5 दशक तक कंप्यूटर उसे बदल ना पाए.
वार्षिक मूल्यांकन के बजाए लगातार मूल्यांकन है जरूरी
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरे एजुकेशन सिस्टम में मूल्यांकन के तरीके में बदलाव करने की बहुत जरूरत है. सिसोदिया ने कहा कि महज 3 घंटे की परीक्षा में किसी भी बच्चे का संपूर्ण आंकलन नहीं किया जा सकता. यदि किसी छात्र की पूरी प्रतिभा पहचान है तो जरूरी है कि उसका लगातार आंकलन किया जाए और यही दिल्ली सरकार करने जा रही है जो दिल्ली का नया शिक्षा बोर्ड बना है उसमें छात्रों का लगातार एसेसमेंट लिया जाएगा.
शोधकार्यों को बढ़ावा देने की है जरूरत
मनीष सिसोदिया ने कहा कि शैक्षिक संस्थानों में शोध कार्य को ज्यादा समय देने की जरूरत है. साथ ही इसके अलावा छात्रों को कॉन्फिडेंट और क्रिटिकल थिंकिंग वाला बनाने की जरूरत है.
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