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सिसोदिया ने मेडिकल निवेशकों के साथ की बैठक, ऑक्सीजन आपूर्ति के दिए आदेश

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अस्पताल में भर्ती होने पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उनके विभाग का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है. इस दौरान उन्होंने शुक्रवार को कोरोना के लिए समर्पित चिकित्सा अस्पतालों के प्रशासकों और मेडिकल निवेशकों के साथ बैठक की.

manish sisodia hold meeting with medical investors over oxygen supply
सिसोदिया ने मेडिकल निवेशकों के साथ की बैठक
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Published : Jun 19, 2020, 10:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अस्पताल में भर्ती होने पर उनके विभाग का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के बाद शुक्रवार को कोरोना के लिए समर्पित चिकित्सा अस्पतालों के प्रशासकों और मेडिकल निवेशकों के साथ बैठक की.

सिसोदिया ने मेडिकल निवेशकों के साथ की बैठक
अस्पतालों में मैन पावर की कमी

मनीष सिसोदिया ने स्थिति का आंकलन किया और अस्पतालों में आईसीयू बेड की क्षमता के बारे में चर्चा की. उन्होंने वर्तमान कोरोना वायरस की स्थिति और गहन देखभाल की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों को जल्द से जल्द आईसीयू हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए. इस दौरान अस्पतालों के निदेशकों ने एक प्रमुख समस्या बताते हुए बताया कि अस्पतालों में मैन पावर की कमी है.

ऑक्सीजन की आपूर्ति के निर्देश

मनीष सिसोदिया ने कहा कि अलग-अलग कोरोना अस्पतालों में अभी मौजूदा जितने बेड हैं, उनमें से ज्यादातर बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध है. जहां पर नहीं है वहां पर एक सप्ताह या 10 दिन में ऑक्सीजन लगा दी जाएगी. इस तरह से बड़े-बड़े अस्पतालों में यह संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.

सरकार से हर संभव मदद का भरोसा

उन्होंने कहा कि अस्पतालों को जो भी मदद चाहिए चाहे इंजीनियरिंग स्तर पर, इंफ्रास्ट्रक्चर या मेन पावर की कमी दूर करने के लिए चाहिए, वह पूरी मदद सरकार करेगी. लेकिन सभी अस्पतालों के प्रमुखों को निर्देश भी दिए गए हैं कि वे तुरंत इसको बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दें. ताकि जैसे-जैसे आगे कोरोना के केस बढ़ेंगे वैसे-वैसे आईसीयू बेड की और ज्यादा जरूरत पड़ेगी.

ड्यूटी पर लगाने का सुझाव

बैठक में आईएलबीएस के निदेशक डॉ. सरीन, एलएनजेपी के डॉ. सुरेश और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर सुनील शामिल थे. जिन्होंने अस्पतालों में मैन पावर की कमी के मुद्दे को हल करने के तरीके भी बताए. डॉ. सरीन ने जमीनी हकीकत को समझते हुए कहा हम किस तरह से मौजूदा अस्पतालों में आईसीयू बेड बढ़ा सकते हैं और अस्पतालों की आवश्यकता को हम किस तरह से पूरा कर सकते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली सरकार के विभिन्न पीजी मेडिकल संस्थानों में अंतिम वर्ष के एमडी और स्नातक डॉक्टरों को 6 महीने की अवधि के लिए दिल्ली सरकार कोरोना अस्पतालों में ड्यूटी पर तुरंत लगा देना चाहिए. इसके अलावा एक निर्णय लिया गया कि नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों को भी ड्यूटी के लिए 6 महीने की अवधि के लिए तैनात किया जाना चाहिए.

बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन अभी कोरोना का इलाज चल रहा है. शुक्रवार देर शाम उन्हें मैक्स अस्पताल में एडमिट कराया गया है. उनकी अनुपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया संभाल रहे तो उन्होंने आज कोरोना के मद्देनजर पहली बैठक ली है.

नई दिल्ली: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अस्पताल में भर्ती होने पर उनके विभाग का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के बाद शुक्रवार को कोरोना के लिए समर्पित चिकित्सा अस्पतालों के प्रशासकों और मेडिकल निवेशकों के साथ बैठक की.

सिसोदिया ने मेडिकल निवेशकों के साथ की बैठक
अस्पतालों में मैन पावर की कमी

मनीष सिसोदिया ने स्थिति का आंकलन किया और अस्पतालों में आईसीयू बेड की क्षमता के बारे में चर्चा की. उन्होंने वर्तमान कोरोना वायरस की स्थिति और गहन देखभाल की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों को जल्द से जल्द आईसीयू हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए. इस दौरान अस्पतालों के निदेशकों ने एक प्रमुख समस्या बताते हुए बताया कि अस्पतालों में मैन पावर की कमी है.

ऑक्सीजन की आपूर्ति के निर्देश

मनीष सिसोदिया ने कहा कि अलग-अलग कोरोना अस्पतालों में अभी मौजूदा जितने बेड हैं, उनमें से ज्यादातर बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध है. जहां पर नहीं है वहां पर एक सप्ताह या 10 दिन में ऑक्सीजन लगा दी जाएगी. इस तरह से बड़े-बड़े अस्पतालों में यह संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.

सरकार से हर संभव मदद का भरोसा

उन्होंने कहा कि अस्पतालों को जो भी मदद चाहिए चाहे इंजीनियरिंग स्तर पर, इंफ्रास्ट्रक्चर या मेन पावर की कमी दूर करने के लिए चाहिए, वह पूरी मदद सरकार करेगी. लेकिन सभी अस्पतालों के प्रमुखों को निर्देश भी दिए गए हैं कि वे तुरंत इसको बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दें. ताकि जैसे-जैसे आगे कोरोना के केस बढ़ेंगे वैसे-वैसे आईसीयू बेड की और ज्यादा जरूरत पड़ेगी.

ड्यूटी पर लगाने का सुझाव

बैठक में आईएलबीएस के निदेशक डॉ. सरीन, एलएनजेपी के डॉ. सुरेश और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर सुनील शामिल थे. जिन्होंने अस्पतालों में मैन पावर की कमी के मुद्दे को हल करने के तरीके भी बताए. डॉ. सरीन ने जमीनी हकीकत को समझते हुए कहा हम किस तरह से मौजूदा अस्पतालों में आईसीयू बेड बढ़ा सकते हैं और अस्पतालों की आवश्यकता को हम किस तरह से पूरा कर सकते हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली सरकार के विभिन्न पीजी मेडिकल संस्थानों में अंतिम वर्ष के एमडी और स्नातक डॉक्टरों को 6 महीने की अवधि के लिए दिल्ली सरकार कोरोना अस्पतालों में ड्यूटी पर तुरंत लगा देना चाहिए. इसके अलावा एक निर्णय लिया गया कि नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों को भी ड्यूटी के लिए 6 महीने की अवधि के लिए तैनात किया जाना चाहिए.

बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन अभी कोरोना का इलाज चल रहा है. शुक्रवार देर शाम उन्हें मैक्स अस्पताल में एडमिट कराया गया है. उनकी अनुपस्थिति में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया संभाल रहे तो उन्होंने आज कोरोना के मद्देनजर पहली बैठक ली है.

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