नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल शिक्षा अभियान में भर्ती के लिए एक युवक ने फर्जी वेबसाइट बना दी. उसने इस पर शिक्षकों की भर्ती निकाली और उनसे रुपये लेने लगा. केंद्र सरकार के आईटी विभाग को इसकी भनक लगी तब जाकर मामले का खुलासा हुआ.
आरोपी गिरफ्तार
केंद्र सरकार के आईटी विभाग से मिली शिकायत पर स्पेशल सेल की साइबर सेल ने इस बाबत मामला दर्ज किया था. स्पेशल सेल की टीम ने इस मामले में पश्चिम बंगाल से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री डिजिटल शिक्षा अभियान को लेकर एक फर्जी वेबसाइट बनाई गई थी. इस पर शिक्षकों की भर्ती निकाली गई थी. काफी संख्या में शिक्षकों ने इस वेबसाइट के जरिये आवेदन भी किया.
इस बारे में केंद्र सरकार को भी पता चला तो आईटी विभाग को इस मामले को देखने के लिए कहा गया. उन्होंने पाया कि किसी शख्स ने यह फर्जी वेबसाइट बनाई है. बीते 7 जनवरी को इस बाबत विजिलेंस अधिकारी हरि सेवक शर्मा की तरफ से शिकायत स्पेशल सेल की साइबर सेल को दी गई थी.
एफआइआर दर्ज
साइबर सेल ने इस शिकायत पर आईटी एक्ट और जालसाजी की एफआइआर दर्ज की थी. स्पेशल सेल ने जब इसे लेकर छानबीन की तो पता चला कि यह फर्जी वेबसाइट पश्चिम बंगाल में बनाई गई है. इस जानकारी पर सबसे पहले इस वेबसाइट को ब्लॉक किया गया. मंगलवार को स्पेशल सेल की एक टीम ने पश्चिम बंगाल में छापा मारकर वहां से आरोपी प्रसेनजित चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है. वह12 वीं कक्षा तक पढ़ा है. उसके पिता सीआइडी से सेवानिवृत्त हैं. उसे बुधवार को वहां की अदालत में पेश किया जाएगा. जिसके बाद स्पेशल सेल की टीम उसे लेकर दिल्ली आएगी.
100 से ज्यादा लोगों से की ठगी
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी प्रसेनजित इस वेबसाइट के जरिये 100 से ज्यादा लोगों से रुपये ऐंठ चुका है. उसने पुलिस को बताया कि 12 वीं के बाद उसने दो वर्ष का कंप्यूटर कोर्स किया हुआ है. यहीं से उसे ठगी का आइडिया आया और उसने यह फर्जी वेबसाइट बनाकर शिक्षक भर्ती के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठगना शुरु कर दिया.