नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के चलते अब तक हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. रोजाना कोई ना कोई इस संक्रमण के चलते जिंदगी की जंग हारता जा रहा है. लेकिन सबसे ज्यादा दर्दनाक तस्वीर वह है, जिसमें इस संक्रमण के डर के चलते अपनों के अंतिम सफर में भी लोग उनका साथ छोड़ रहे हैं. अंतिम संस्कार तक के लिए आगे नहीं आ रहे. लेकिन दक्षिणी दिल्ली में ऐसे ही लोगों की मदद कर रहे हैं. महावीर बसोया (Mahavir Basoya). जो ना केवल कोरोना संक्रमितों को कंधा दे रहे हैं, बल्कि उन्हें मुखाग्नि भी दे रहे हैं.
अंतिम संस्कार के दौरान लोगों की कर रहे मदद
दक्षिणी दिल्ली स्थित कालका गढ़ी गांव (Kalka Garhi Village) के रहने वाले महावीर कालकाजी और प्रहलादपुर स्थित श्मशान घाट में कोरोना के जान गंवा चुके मृतकों की दाह संस्कार (Help in funeral of corona died) में मदद कर रहे हैं. महावीर ने बताया कि एक बार जब वह प्रहलादपुर स्थित श्मशान घाट में अपने किसी रिश्तेदार की मृत्यु पर गए थे, तो वहां उन्होंने देखा कि एक गाड़ी में एक महिला और उसकी बेटी एक शव को रखे हुए हैं और लोगों से अपील कर रही है कि उसे श्मशान घाट के अंदर तक ले जाने में उनकी मदद करें.
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वहीं कोरोनावायरस (Coronavirus Death) के डर के चलते कोई भी उस शव को उठाने में उनकी मदद नहीं कर रहा था. दोनों महिलाएं लोगों से मिन्नतें कर रही थी, लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया, जिसे देखकर उन्हें रहा नहीं गया और फिर उन्होंने दोनों महिलाओं के साथ उस शव को श्मशान घाट तक पहुंचाया और दाह संस्कार में उनकी मदद की. इसी प्रकार से उस एक दिन में उन्होंने 20 लोगों की मदद की.
अपनी गाड़ी में शवों को उठाकर श्मशान पहुंचा रहे महावीर
महावीर ने बताया कि इसी प्रकार उन्होंने लोगों की मदद करना शुरू किया. अगले दिन वह जब दोबारा से उस श्मशान घाट में पहुंचे तो, उन्होंने 12 लोगों की मदद की. फिर इसके लिए उन्होंने अपनी गाड़ी को भी लोगों की मदद के लिए तैयार कर लिया. साथ ही शवों को उठाने के लिए एक टेंपो को भी तैयार किया गया. उन्होंने प्रहलादपुर और कालकाजी श्मशान घाट में अपना कांटेक्ट नंबर दे दिया कि यदि किसी को दाह संस्कार में किसी भी प्रकार की मदद चाहिए, तो वह उन्हें संपर्क करें, वो उनकी मदद जरूर करेंगे.
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अब तक करीब 10 मृतकों को दे चुके हैं मुखाग्नि
महावीर ने बताया कि इस कोरोना काल में बेहद ही दर्दनाक तस्वीर देखने को मिली है. अपने ही अपनों का साथ छोड़ रहे हैं, उनकी अंतिम यात्रा तक में उनका साथ नहीं दे रहे हैं. कई जगह तो उन्होंने देखा कि माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाने पर बच्चे अनाथ हो गए, कोई दाह संस्कार के लिए नहीं हैं. वहीं एक परिवार में मृत्यु हो जाने पर मुखाग्नि के लिए भी कोई नहीं बचा है. इसीलिए उन्होंने ऐसे मृतकों के दाह संस्कार में मुखाग्नि भी दी. अब तक वह 8 से 10 मृतकों को मुखाग्नि भी दे चुके हैं.
कोरोना काल में लोगों की कर रहे हर संभव मदद
महावीर ने बताया कि केवल दाह संस्कार में ही नहीं, बल्कि कोरोना के इलाज में भी वह लोगों की मदद कर रहे हैं. उनके साथ करीब 100 लोग इस प्रकार से कोरोना काल में मदद के लिए जुड़ गए हैं. कोई ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद कर रहा है, तो कोई अस्पताल पहुंचाने में मदद कर रहा है. इसके अलावा राशन और आर्थिक मदद भी लोगों तक पहुंचाई जा रही है. उन्होंने बताया कि इस काम के लिए उनका परिवार भी उन्हें सहयोग दे रहा है और उनके भाई मनोज भी उनके साथ लोगों की मदद कर रहे हैं.