नई दिल्ली: शहरी क्षेत्रों की तरह दिल्ली देहात के गांवों में लागू किए गए अव्यवहारिक नियमों को लेकर दिल्ली के किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. इसके लिए आगामी तीन सितंबर को एक महापंचायत बुलाई है. दिल्ली के 360 पालम गांव के प्रधान सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में प्रेस वार्ता कर इस बात की जानकारी दी गई.
सोलंकी ने कहा कि राजधानी में किसानों के साथ लगातार धोखा हो रहा है. अंग्रेजों के जमाने से लाल डोरे के तहत अभी तक गांव में किसी से भी हाउस टैक्स नहीं लिया गया. लेकिन अब गांव में हाउस टैक्स के नोटिस दिए जा रहे हैं. यह फरमान मौजूदा दिल्ली सरकार की तरफ से जारी किया गया है.
शहरीकरण के नाम पर किसानों के साथ धोखा: दिल्ली के अलग-अलग गांव में किसानों को हाउस टैक्स के नोटिस दिए जा रहे हैं. इसी की विरोध में यह प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. किसान इसके विरोध में 3 सितंबर को महापंचायत करेंगे. इस बैठक में हजारों किसान गांव के लोग शामिल होंगे. मीडिया से बातचीत में सोलंकी ने कहा कि गांव को शहरीकरण के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है.
हाउस टैक्स के नाम पर ग्रामीणों से पैसे मांगा जा रहा है. गांव को स्मार्ट सिटी और स्मार्ट गांव बनाने के नाम पर सिर्फ गांव में सीवर की लाइन डाली गई है. उसके अलावा कोई काम नहीं किया गया है. स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर ग्राम पंचायत की जमीन को सरकार हड़प रही है. जबकि वह जमीन किसानों की है.
प्रधान सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि सभी किसानों को एकत्रित किया जाएगा और 3 सितंबर को होने वाली महापंचायत में आगे की रणनीति तय की जाएगी. जिस तरीके से सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है. यह बिल्कुल बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं. इस महापंचायत में दिल्ली के 360 अलग-अलग गांव के प्रधान हिस्सा लेंगे.
ये भी पढ़ें: