नई दिल्ली: वासंतिक नवरात्रि की शुरुआत हो गई है, जिसके दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. वासंतिक नवरात्रि के दूसरे मां ब्रह्मचारिणी के पूजन का विधान है, जिनकी सच्चे मन से पूजा करने से जीवन की सभी कठिनाइयां समाप्त हो जाती हैं. इतना ही नहीं, माता के पूजन से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है और शक्ति, त्याग, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है.
ऐसे करें पूजा: सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद पूजा के स्थान को साफ करें और वहां गंगाजल डालकर शुद्ध कर चौकी पर माता ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा करें. पूजा के स्थान को सजाकर मां ब्रह्मचारिणी के व्रत का संकल्प लें और ध्यान करें. मां ब्रह्मचारिणी को पीले कपड़े, फल चमेली के फूल, मिठाई आदि अर्पित करें और कथा का पाठ करें. माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय पीले रंग के कपड़े पहनें.
पीला रंग है बेहद पसंद: माता ब्रह्मचारिणी को पीला रंग बेहद पसंद है. ऐसे में माता ब्रह्मचारिणी की पूजा के दौरान पीले फूलों का इस्तेमाल करें. साथ ही पूजा के दौरान माता को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है. इसके अलावा माता ब्रह्मचारिणी को दूध, मेवे आदि से बना भोजन अति प्रिय है इसलिए उन्हें चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगा सकते हैं. माता ब्रह्मचारिणी को पसंदीदा भोजन का भोग लगाने से साधक की आयु में वृद्धि होती है.
माता ब्रह्मचारिणी का पूजन मंत्र: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करें-
- ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
- या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
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