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Sharad Poornima 2023: शरद पूर्णिमा पर रहेगा चंद्र ग्रहण का साया, नहीं हो सकेंगे चंद्रमा के दर्शन

ज्योतिष आचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों को बेहद आरोग्यवर्धक माना जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, ऐसे में इस बार इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं हो सकेंगे.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 26, 2023, 5:29 PM IST

ज्योतिष आचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहते हैं. शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 को शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima 2023) पड़ रही है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. इस दिन चंद्रमा रोशनी के माध्यम से अमृत बरसाता है. प्राचीन काल से शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखने की परंपरा चली आ रही है. मान्यता है कि इस खीर को खाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है.

गाजियाबाद की राजनगर स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक इन दिनों आकाश पूरी तरह से साफ हो जाता है ऐसे में चंद्रमा साफ नजर आते हैं. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणें बहुत उज्ज्वल होती हैं. इस दिन चंद्रमा की किरणों को बेहद आरोग्यवर्धक माना गया है. हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, ऐसे में इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के दर्शन नहीं हो सकेंगे साथ ही औषधि खीर का लाभ भी नहीं मिल पाएगा.

औषधीय खीर के लाभ

आचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहते है. इस व्रत की पूर्णिमा को कोजागरी व्रत भी कहते है. किंतु इस महीने की पूर्णमासी व्रत 28 अक्टूबर को ही है. शाम को 4:05 बजे से चंद्र ग्रहण का सूतक आरंभ हो जाएगा. इसलिए पूर्णमासी का व्रत का पारायण 4 बजे तक कर लेना चाहिए. उसके पश्चात पारायण करना शुभ नहीं होता या फिर अगले दिन प्रातः काल 4 बजे से 5 बजे के बीच करें.

शरद पूर्णिमा पर औषधीय दृष्टि से शाम को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर प्रातःकाल खाते हैं. कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं. इसलिए इस खीर को खाने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है किंतु इस बार चंद्रमा उदय से लेकर प्रातःकाल 4:00 बजे तक सूतक और ग्रहण का प्रभाव रहेगा. इसलिए भक्तगण इस बार औषधीय खीर खाने से वंचित रह जाएंगे.

इस दिन होंगे सुपर मून के दर्शन

शिव कुमार शर्मा के मुताबिक आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को चंद्रमा की कान्ति और आकृति बड़ी होगी. चंद्रमा की आकृति लगभग 14 प्रतिशत बड़ी होगी और चमक 30 प्रतिशत ज्यादा होगी. इसलिए इसे सुपरमून कहा जाता है. लालिमा लिए हुए चंद्रमा गुलाबी रंग का दिखाई देगा. लेकिन रात्रि 11:30 बजे की चंद्रमा की चमक हलकी होती चली जाएगी.

ना करें ये कार्य

  • शरद पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन का सेवन करना पूर्णता निषेध बताया गया है. किसी भी तरह के नशे का सेवन करने से बचना चाहिए.
  • शरद पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें.
  • किसी से गुस्से या गलत वाणी का प्रयोग ना करें. अपशब्द का प्रयोग करने से बचें.


ये भी पढ़ें: शरद पूर्णिमाः चंद्रमा की रोशनी में रखे खीर को खाने की परंपरा, धर्म और आयुर्वेद में विशेष महत्व

ज्योतिष आचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहते हैं. शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 को शरद पूर्णिमा (Sharad Poornima 2023) पड़ रही है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. इस दिन चंद्रमा रोशनी के माध्यम से अमृत बरसाता है. प्राचीन काल से शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखने की परंपरा चली आ रही है. मान्यता है कि इस खीर को खाने से आरोग्य की प्राप्ति होती है.

गाजियाबाद की राजनगर स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक इन दिनों आकाश पूरी तरह से साफ हो जाता है ऐसे में चंद्रमा साफ नजर आते हैं. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणें बहुत उज्ज्वल होती हैं. इस दिन चंद्रमा की किरणों को बेहद आरोग्यवर्धक माना गया है. हालांकि इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, ऐसे में इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा के दर्शन नहीं हो सकेंगे साथ ही औषधि खीर का लाभ भी नहीं मिल पाएगा.

औषधीय खीर के लाभ

आचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहते है. इस व्रत की पूर्णिमा को कोजागरी व्रत भी कहते है. किंतु इस महीने की पूर्णमासी व्रत 28 अक्टूबर को ही है. शाम को 4:05 बजे से चंद्र ग्रहण का सूतक आरंभ हो जाएगा. इसलिए पूर्णमासी का व्रत का पारायण 4 बजे तक कर लेना चाहिए. उसके पश्चात पारायण करना शुभ नहीं होता या फिर अगले दिन प्रातः काल 4 बजे से 5 बजे के बीच करें.

शरद पूर्णिमा पर औषधीय दृष्टि से शाम को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर प्रातःकाल खाते हैं. कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं. इसलिए इस खीर को खाने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है किंतु इस बार चंद्रमा उदय से लेकर प्रातःकाल 4:00 बजे तक सूतक और ग्रहण का प्रभाव रहेगा. इसलिए भक्तगण इस बार औषधीय खीर खाने से वंचित रह जाएंगे.

इस दिन होंगे सुपर मून के दर्शन

शिव कुमार शर्मा के मुताबिक आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को चंद्रमा की कान्ति और आकृति बड़ी होगी. चंद्रमा की आकृति लगभग 14 प्रतिशत बड़ी होगी और चमक 30 प्रतिशत ज्यादा होगी. इसलिए इसे सुपरमून कहा जाता है. लालिमा लिए हुए चंद्रमा गुलाबी रंग का दिखाई देगा. लेकिन रात्रि 11:30 बजे की चंद्रमा की चमक हलकी होती चली जाएगी.

ना करें ये कार्य

  • शरद पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन का सेवन करना पूर्णता निषेध बताया गया है. किसी भी तरह के नशे का सेवन करने से बचना चाहिए.
  • शरद पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें.
  • किसी से गुस्से या गलत वाणी का प्रयोग ना करें. अपशब्द का प्रयोग करने से बचें.


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