नई दिल्ली: उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को राज निवास में दिल्ली फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और दिल्ली पुलिस के ई-फोरेंसिक अनुप्रयोग के लिए इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी लॉन्च की. अब डीएफएसएल और दिल्ली पुलिस ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाली देश की पहली एजेंसी बन गई है. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी यह सुनिश्चित करेगी कि अपराध स्थल से डीएफएसएल को सौंपे गए सभी भौतिक साक्ष्य मानवीय इंटरफेस और हस्तक्षेप से मुक्त रहेंगे.
उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय को दिया धन्यवाद
लॉन्च कार्यक्रम में मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस आयुक्त और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस तकनीक का नेतृत्व करने के लिए गृह मंत्रालय को धन्यवाद देते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि इस तकनीक को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के समर्थन एवं सहयोग से पहली बार दिल्ली में विकसित किया गया है. इस तकनीक का प्रयोग करेंसी एक्सचेंज और इंश्योरेंस सेक्टर में पहले से हो रहा है, लेकिन अपराध की जांच में इसका उपयोग पहली बार होगा.
उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला सभी तरह के अपराध की जांच में दिल्ली पुलिस समेत तमाम जांच एजेंसियों का सहयोग करती है. दिल्ली पुलिस अपराध स्थल से लिए गए सभी भौतिक सबूतों को कागजातों के साथ यहां जमा कराती थी. ब्लॉकचेन तकनीक का उद्देश्य इस डाटा को संबंधित एजेंसियों जैसे दिल्ली पुलिस, प्रासीक्यूशन, जेल और कोर्ट के साथ साझा करना है. यह तकनीक आंकड़ों की एक ऐसी श्रृंखला है, जिसके हर ब्लॉक में ट्रांसेक्शन का एक समूह होता है जो एक-दूसरे से पूरी तरह से जुड़े होते हैं. इन्हें इंक्रिप्शन के माध्यम से सुरक्षित रखा जाता है. इसके तहत नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर्स द्वारा वेरीफाई होने के बाद ट्रांजेक्शन के सभी विवरण एक बही में दर्ज हो जाते हैं
लगभग 1,500 पुलिस कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
आपको बता दें कि क्यूआर कोड के जरिए रजिस्ट्रेशन, रिपोर्ट अपलोडिंग और डिस्पैच के स्तर पर इसको और अधिक गोपनीय बनाया गया है. इस कार्य को पूरा करने में भारत सरकार के गृह मंत्रालय, एनआईसी, दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार का गृह विभाग और दिल्ली की विधि विज्ञान प्रयोगशाला की अहम भूमिका रही है. दिल्ली पुलिस ने लगभग 1,500 कर्मियों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया है और 3,000 से अधिक फोरेंसिक नमूनों का प्रसंस्करण और विश्लेषण किया जा रहा है. उन्होंने प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए शहर भर के 225 पुलिस स्टेशनों को क्यूआर कोड स्कैनर और प्रिंटर भी दिए.