नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर भारत समेत कई बड़े क्षेत्रों में 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है. लोहड़ी के दिन दोस्तों और रिश्तेदारों को बधाइयां और मिठाई भेजी जाती है. इस त्योहार को मनाने के लिए खुली जगह पर आग लगाई जाती है और नृत्य करते हुए गीत गाए जाते हैं. साथ ही पवित्र अग्नि में मूंगफली, गजक, तिल आदि डालकर परिक्रमा की जाती है.
देश की राजधानी दिल्ली में भी जगह-जगह पर लोहड़ी मनाई गई. खासतौर पर दिल्ली में नेताओं के घर पर भी यह त्योहार बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया गया. दिल्ली अंबेडकर नगर क्षेत्र के दुग्गल कॉलोनी में रहने वाले स्थानीय लोगों ने बड़ी धूमधाम के साथ लोहड़ी का पर्व मनाया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने सभीे के साथ मिलकर लोहड़ी के त्योहार की एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं भी दी. लोगों ने गानों पर जमकर नृत्य भी किया.
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दिल्ली के जुगल कालोनी में स्थानीय लोगों ने और छोटे बड़े बुजुर्गों ने बच्चों के साथ लोहड़ी के त्योहार मनाया. इस मौके पर सबने एक दूसरे को गले लगाया. साथ ही एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं दी. स्थानीय निवासी सतीष शर्मा ने बताया कि पंजाब में लोहड़ी के साथ दुल्ला भट्टी की कहानी भी जुड़ी है. इस दिन पंजाबी लोग आग जलाकर परंपरागत रूप से भांगड़ा करते हैं.
भांगड़ा के दौरान गीत गाए जाते हैं और दुल्ला भट्टी की प्रशंसा गायन भी करते हैं. दरअसल, दुल्ला भट्टी गरीब लोगों की मदद करता था. एक बार उन्होंने दो अनाथ बहनों को उनके चाचा से बचाया था, जिसने उनको जमीदारों को बेच दिया था. दुल्ला भट्टी ने लोहड़ी की रात दोनों बहनों की शादी करवा दी और एक सेर शक्कर उनकी झोली में डालकर विदा कर दी. मान्यता है कि इस घटना के कारण भी लोग लोहड़ी का पर्व मनाते हैं.
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