नई दिल्ली: दिल्ली के बादली रेलवे स्टेशन और रिहायशी कॉलोनी के बीच शुरू हुई सीमेंट साइडिंग के विरोध में स्थानीय लोगों ने धरना दिया. सीमेंट साइडिंग में ट्रेन से सीमेंट अनलोडिंग और फिर उसके बाद ट्रक में लोडिंग करने की वजह से उसकी धूल पूरे इलाके में फैल रही है. इससे पॉल्यूशन इतना ज्यादा है कि स्थानीय लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. इसको लेकर यादव नगर लिबासपुर और बदली इलाके के लोग इसका विरोध करते हुए सीमेंट सेटिंग के पास धरना दिया.
बादली रेलवे स्टेशन पर पिछले कुछ महीनो से सीमेंट साइडिंग का काम शुरू किया गया है. जहां ट्रेन में सीमेंट लाई जाती है और फिर ट्रकों में भरकर सीमेंट को अलग-अलग जगह पर ले जाया जाता है. लेकिन पास में ही रिहायशी कॉलोनी होने की वजह से यहां तेजी से पॉल्यूशन भी फैल रहा है और इसी वजह से लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो गया है. खासतौर पर बुजुर्ग बच्चों और गर्भवती महिलाएं इससे परेशान है.
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कई परिवार तो इसी समस्या की वजह से घर और ये जगह बदलने का मन भी बना रहे हैं. इन्हीं दिक्कतों को लेकर यादव नगर लिबासपुर और आसपास के लोगों ने सीमेंट साइडिंग को यहां से पूरी तरीके से हटाने की मांग की है. कुछ दिन पहले भी इलाके के स्थानीय पार्षद और लोगों ने सीमेंट की ट्रकों को रोक कर प्रदर्शन किया था.
उस प्रदर्शन के बाद अब दिन के वक्त सीमेंट से भरे ट्रकों की आवाजाही तो बंद हो गई, लेकिन दिन में ही सीमेंट लोडिंग अनलोडिंग का काम किया जाता है. और रात में ट्रैकों को निकाला जा रहा है. दिन में ट्रक ना चलने से जाम की समस्या तो कम हुई, लेकिन प्रदूषण की समस्या अभी भी जस की तस है. लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और लोगों की मांग है कि रिहायशी इलाके में सीमेंट साइडिंग को पूरी तरीके से बंद करके कहीं और ले जाना चाहिए.
स्थानीय लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से बातचीत की जहां से आश्वासन दिया गया है कि बहुत जल्दी सीमेंट साइट को हटाकर कहीं और शिफ्ट करवा दिया जाएगा. लोगों का कहना है कि लगातार बीमारी बढ़ रही है और सीमेंट साइडिंग की जगह को बदलने में देर नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों का नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है .
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