नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा बीटा-2 कोतवाली पुलिस पर बैचलर ऑफ लॉस (BA-LLB) कर रहे दलित छात्र ने गंभीर आरोप लगाया है. छात्र का आरोप है कि बीटा टू पुलिस ने उसे थाने में पेशाब पिलाने की कोशिश की. जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया. साथ ही पुलिस ने थाने में जमकर मारपीट की और रंगदारी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. पीड़ित युवक ने घटना का वीडियो ट्विटर पर ट्वीट और इंसाफ मांगा है.
एक साल पहले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में एक युवक को मॉल के अंदर से पुलिस थाने ले जाते हुए दिख रही है. कई पुलिस वाले बीटा-2 कोतवाली में युवक को पीटते नजर आ रहे हैं. युवक जोर-जोर से चिल्ला रहा है. इस मामले में युवक ने ट्विटर पर इंसाफ मांगा है. बताया जा रहा है कि एक शिकायत पत्र युवक ने गौतम बुद्ध नगर कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को भी दिया है. पुलिस आयुक्त ने मामले में जांच का आदेश दिया है, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ है.
फर्जी केस में फंसाने का आरोप: शिकायतकर्ता जीतू कुमार ने बताया कि वह अलीगढ़ का रहने वाला है और लॉ का छात्र है. नवंबर 2022 में एक महिला ने अपने पति के साथ मिलकर पुलिस से मिलीभगत कर मुझे फर्जी मामले में फंसाया है. पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने मॉल में घुसकर मेरी जेब में पैसे रख दिए और रंगदारी का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. उसके बाद थाने में पुलिस वालों ने पेशाब पिलाया. जाति सूचक शब्द का भी प्रयोग किया गया है. वहीं इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो पीड़ित के पास है. पीड़ित का ये भी कहना है कि वीडियो डिलीट करने के लिए अफसर दबाव बना रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Delhi riots 2020: दिल्ली दंगे से जुड़े मामले के तीन आरोपी बरी, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार
पुलिस का पक्ष: वीडियो वायरल होने के बाद गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट की ओर से जवाब में कहा गया है कि शिकायतकर्ता जीतू उर्फ जितेंद्र के खिलाफ 18 नवंबर 2022 को मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया. जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद उसने शिकायत पत्र उच्च अधिकारियों को सौंपा है, जिसमें जांच एडीसीपी अशोक कुमार द्वारा की जा रही है. जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
ये भी पढ़ें: Forgery : वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके फंसे IAS उदित प्रकाश, एफआईआर दर्ज