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भ्रष्टाचार में लिप्त 108 अधिकारियों को LG अनिल बैजल ने जबरन किया सेवानिवृत्त - उपराज्यपाल

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव को बीते 4 जुलाई को उपराज्यपाल ने सभी विभाग प्रमुखों में ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों की सूची तैयार कर 31 जुलाई तक अंतिम सूची सौंपने का आदेश दिया था. ताकि तय समय सीमा के भीतर इसे आगे की कार्यवाई के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया जाए.

भ्रष्टाचार में लिप्त 108 अधिकारियों को उपराज्यपाल ने जबरन किया सेवानिवृत्त
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Published : Oct 31, 2019, 9:21 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 11:51 PM IST

नई दिल्ली: सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने को लेकर दिल्ली सरकार के सेवा विभाग में अधिकारियों के काम की समीक्षा की कार्यवाई पूरी होने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए 108 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त पर भेज दिया है. इसमें नगर निगम, परिवहन, पर्यटन, डुसिब समेत अन्य विभागों के ग्रुप ए, बी, सी के अधिकारी और कर्मचारी हैं.

Lieutenant Governor forcibly retires 108 officers involved in corruption
108 अधिकारियों को किया जबरन सेवानिवृत्त
संतोषजनक नहीं थी रिपोर्टदिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव को बीते 4 जुलाई को उपराज्यपाल ने सभी विभाग प्रमुखों में ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों की सूची तैयार कर 31 जुलाई तक अंतिम सूची सौंपने का आदेश दिया था. ताकि तय समय सीमा के भीतर इसे आगे की कार्यवाई के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया जाए. रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होने पर इन सभी को जबरन सेवानिवृत्त किया गया है.मुख्य सचिव द्वारा सौंपी गई सूची के आधार पर ही उपराज्यपाल ने डीडीए के 14, नगर मिगम के 61, दिल्ली सरकार के सेवा विभाग के 14, परिवहन विभाग के 5, दिल्ली जल बोर्ड के 7, डुसिब के 4 समेत कुल 108 अधिकारी और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने की कार्यवाई की है.

नियम-56 के तहत हुई कार्रवाई

उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार के आरोपी तथा काम के लिहाज से प्रदर्शन नहीं करने वाले अधिकारियों की पहचान कर उन्हें जबरन सेवानिवृत्त करने के दायरे में पहले सिर्फ आईएएस, दानिक्स तथा दास कैडर के अधिकारियों के नाम शामिल करने को कहा गया था. लेकिन बाद में सभी प्रधान सचिव, सचिव व विभाग प्रमुख को आदेश जारी कर कहा. इसमें एक्स कैडर अधिकारी जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्राध्यापक, अकाउंटेंट व पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आदि शामिल है, उनके कामकाज की भी समीक्षा कर रिपोर्ट सेवा विभाग को सौंपी गयी थी. उपराज्यपाल ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए आईएएस, दानिक्स, दास कैडर के अधिकारियों पर नियम 56 के तहत जबरन रिटायर करने को कहा है.

नई दिल्ली: सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने को लेकर दिल्ली सरकार के सेवा विभाग में अधिकारियों के काम की समीक्षा की कार्यवाई पूरी होने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए 108 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त पर भेज दिया है. इसमें नगर निगम, परिवहन, पर्यटन, डुसिब समेत अन्य विभागों के ग्रुप ए, बी, सी के अधिकारी और कर्मचारी हैं.

Lieutenant Governor forcibly retires 108 officers involved in corruption
108 अधिकारियों को किया जबरन सेवानिवृत्त
संतोषजनक नहीं थी रिपोर्टदिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव को बीते 4 जुलाई को उपराज्यपाल ने सभी विभाग प्रमुखों में ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों की सूची तैयार कर 31 जुलाई तक अंतिम सूची सौंपने का आदेश दिया था. ताकि तय समय सीमा के भीतर इसे आगे की कार्यवाई के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया जाए. रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होने पर इन सभी को जबरन सेवानिवृत्त किया गया है.मुख्य सचिव द्वारा सौंपी गई सूची के आधार पर ही उपराज्यपाल ने डीडीए के 14, नगर मिगम के 61, दिल्ली सरकार के सेवा विभाग के 14, परिवहन विभाग के 5, दिल्ली जल बोर्ड के 7, डुसिब के 4 समेत कुल 108 अधिकारी और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने की कार्यवाई की है.

नियम-56 के तहत हुई कार्रवाई

उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार के आरोपी तथा काम के लिहाज से प्रदर्शन नहीं करने वाले अधिकारियों की पहचान कर उन्हें जबरन सेवानिवृत्त करने के दायरे में पहले सिर्फ आईएएस, दानिक्स तथा दास कैडर के अधिकारियों के नाम शामिल करने को कहा गया था. लेकिन बाद में सभी प्रधान सचिव, सचिव व विभाग प्रमुख को आदेश जारी कर कहा. इसमें एक्स कैडर अधिकारी जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्राध्यापक, अकाउंटेंट व पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आदि शामिल है, उनके कामकाज की भी समीक्षा कर रिपोर्ट सेवा विभाग को सौंपी गयी थी. उपराज्यपाल ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए आईएएस, दानिक्स, दास कैडर के अधिकारियों पर नियम 56 के तहत जबरन रिटायर करने को कहा है.

Intro:नई दिल्ली. सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने को लेकर दिल्ली सरकार के सेवा विभाग में अधिकारियों के काम की समीक्षा की कार्यवाई पूरी होने के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए 108 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त पर भेज दिया है. इसमें नगर निगम, परिवहन, पर्यटन, डुसिब समेत अन्य विभागों के ग्रुप ए, बी, सी के अधिकारी और कर्मचारी हैं.





Body:दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव को बीते 4 जुलाई को उपराज्यपाल ने सभी विभाग प्रमुखों में ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों की सूची तैयार 31 जुलाई तक अंतिम सूची सौंपने का आदेश दिया था. ताकि तय समय सीमा के भीतर इसे आगे की कार्यवाई के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया जाए. रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होने पर इन सभी को जबरन सेवानिवृत्त किया गया है.

मुख्य सचिव द्वारा सौंपी गई सूची के आधार पर ही उपराज्यपाल ने डीडीए के 14, नगर मिगम के 61, दिल्ली सरकार के सेवा विभाग के 14, परिवहन विभाग के 5, दिल्ली जल बोर्ड के 7, डुसिब के 4 समेत कुल 108 अधिकारी और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने की कार्यवाई की है.

उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार के आरोपी तथा काम के लिहाज से प्रदर्शन नहीं करने वाले अधिकारियों की पहचान कर उन्हें जबरन सेवानिवृत्त करने के दायरे में पहले सिर्फ आईएएस, दानिक्स तथा दास कैडर के अधिकारियों के नाम शामिल करने को कहा गया था. लेकिन बाद में सभी प्रधान सचिव, सचिव व विभाग प्रमुख को आदेश जारी कर कहा. इसमें एक्स कैडर अधिकारी जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्राध्यापक, अकाउंटेंट व पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आदि शामिल है, उनके कामकाज की भी समीक्षा कर रिपोर्ट सेवा विभाग को सौंपी गयी थी.




Conclusion:उपराज्यपाल ने सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए आईएएस, दानिक्स, दास कैडर के अधिकारियों पर नियम 56 के तहत जबरन रिटायर करने को कहा है.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : Oct 31, 2019, 11:51 PM IST
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