नई दिल्ली: उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राजधानी में रेस्तरां, ईटिंग हाउस और होटलों की लाइसेंसिंग आवश्यकताओं को आसान और सुगम बनाने के लिए संबंधित विभागों व एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति का गठन किया है. समिति टूरिज्म क्षेत्र को बढ़ावा देने के नाइट रेस्टोरेंट, फूड आउटलेट, ओपन एयर रेस्टोरेंट आदि कहां चलाए जा सकते हैं, इस सब पर विचार करेगा और उन्हें लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा.
दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) की अध्यक्षता वाली और आईटी विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), एमसीडी, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवा और एनडीएमसी के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को समिति में शामिल किया जाएगा. समिति अन्य बातों के साथ-साथ लाइसेंसों की संख्या को कम करने, संशोधित करने और हटाने पर ध्यान केंद्रित करेगी. मौजूदा कानून में कोई जटिल प्रक्रिया है, उसे भी सरल किया जाएगा.
न्यूनतम दस्तावेज, लाइसेंस देने के लिए निश्चित समय-सीमा, सिंगल विंडो तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. समिति सदस्यों को सुझाव के लिए अपनी सुविधानुसार होटल, रेस्तरां एसोसिएशन को समिति में शामिल करने की छूट दी गई है. उपराज्यपाल ने समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें जमा करने का निर्देश दिया है. यह कदम उपराज्यपाल के 314 प्रतिष्ठानों को अनुमति देने के हालिया फैसले के बाद उसी तरह की गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है.
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अक्टूबर में मिली थी 24 घंटे होटल और रेस्टोरेंट खोलने की अनुमतिः अक्टूबर की शुरुआत में उपराज्यपाल ने 314 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे खोलने की अनुमति दी थी. उपराज्यपाल सचिवालय के मुताबिक, इनमें से कुछ आवेदन 2016 से लंबित थे. उपराज्यपाल ने निर्देश दिया था कि इसके लिए 7 दिन के भीतर नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे. इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में होटल, रेस्टोरेंट खाना ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली दुकानें, दवाएं, लॉजिस्टिक और दूसरी आम जरूरत की चीजें, ट्रैवल और ट्रांसपोर्ट सेवा शामिल हैं.
साथ ही उपराज्यपाल ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि आवेदनों का निपटारा करने में दिल्ली के श्रम विभाग ने इतनी देरी क्यों की? सोमवार को उपराज्यपाल ने फिर दिल्ली में नाइट लाइफ बेहतर बनाने के लिए उक्त व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.
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वर्तमान में टूरिज्म क्षेत्र से संबंधित प्रतिष्ठान/उद्यमी, विशेष रूप से छोटे और मध्यम वर्ग के लोग शुरू करना चाहते थे तो उन्हें दिल्ली पुलिस, स्थानीय निकायों (एमसीडी और एनडीएमसी), अग्निशमन विभाग और डीपीसीसी के पंजीकरण/लाइसेंस विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं. लोगों को अक्सर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की शिकायतें भी होती हैं. उपराज्यपाल ने गठित समिति को 'नाइट टाइम इकोनॉमी' को बढ़ावा कैसे मिले इस पर रिपोर्ट देने को कहा है. जिससे अधिक से अधिक रोजगार पैदा हो और आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सके.