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3000 इलेक्ट्रिक स्कूटर और साइकिल से सुनिश्चित होगी लास्ट माइल कनेक्टिविटी, दिल्ली सरकार ने आमंत्रित की बिड

दिल्ली सरकार ने ई-स्कूटर शेयरिंग (पीईएसएस) प्रणाली और सार्वजनिक ई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम (पीईसीएस) शुरू करने के लिए बिड आमंत्रित किया है. इन वाहनों के चलने से दिल्ली में वायु और ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा, इस तरह पर्यावरण संरक्षण भी होगा.

लास्ट माइल कनेक्टिविटी
लास्ट माइल कनेक्टिविटी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 24, 2023, 10:43 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया. दिल्ली सरकार ने हाई-स्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल के संचालन के लिए बिड आमंत्रित की है. यह पब्लिक ई-स्कूटर शेयरिंग (पीईएसएस) सिस्टम और पब्लिक ई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम (पीईसीएस) का हिस्सा है. इस पहल से राजधानी के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. साथ ही ध्वनि और वायु प्रदूषण भी नहीं होगा.

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने द्वारका सब-सिटी में सार्वजनिक ई-स्कूटर शेयरिंग प्रणाली और सार्वजनिक ई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम शुरू करने के लिए बिड आमंत्रित की है. सार्वजनिक परिवहन को सभी के लिए अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के महत्व को ध्यान में रख हाई-स्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल की तैनाती की है.

  • The first and last mile is as much of a backbone to public transport, as public transport is, to a livable city.

    In a first, Delhi government under the leadership of CM @arvindkejriwal invites bids for deploying 3000 electric high speed and low speed scooters, e cycles for first…

    — Kailash Gahlot (@kgahlot) September 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तीन चरणों मे सड़क पर उतरेंगे इलेक्ट्रिक वाहन: परिवहन मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत तीन चरणों में द्वारका सब-सिटी में 90 स्थानों पर कुल 3000 इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की तैयारी है. सबसे पहले 1500 ई-वाहन सड़क पर उतरेंगे, जिनमें हाई-स्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल होगी. इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण में 750 ई-वाहन चलाए जाएंगे. पहले चरण के कार्यान्वयन की समयसीमा 6 माह दुसरे व तीसरे की 4-4 माह है. इस परियोजना की अनुमानित लागत 18 करोड़ है. संचालन और रखरखाव के लिए 7 साल की अवधि होगी.

बीड के लिए नियम और शर्तें: बोलीदाताओं से अपेक्षा की गई है कि वे न्यूनतम 10 मिनट के उपयोग के लिए प्रति मिनट शुल्क का प्रस्ताव करें. 60 प्रतिशत हाई-स्पीड ई-स्कूटर व लो-स्पीड ई-स्कूटर और 40 प्रतिशत ई-साइकिल के अनुपात पर निर्धारित है. बोलीदाताओं को मूल उपकरण निर्माता (ओईएम), ओईएम के अधिकृत डीलर, या ई-स्कूटर या ई-साइकिल का फ्लीट एग्रीगेटर होना अनिवार्य है.

ये भी पढ़ें:

  1. 2025 तक दिल्ली की 80 प्रतिशत बस होंगी इलेक्ट्रिक: अरविंद केजरीवाल
  2. लोगों को ब्रेकडाउन की समस्या से मिलेगी निजात, पूरी तरह फिट होने पर ही सड़कों पर उतारी जाएंगी डीटीसी की बसें

नई दिल्ली: दिल्ली में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया. दिल्ली सरकार ने हाई-स्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल के संचालन के लिए बिड आमंत्रित की है. यह पब्लिक ई-स्कूटर शेयरिंग (पीईएसएस) सिस्टम और पब्लिक ई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम (पीईसीएस) का हिस्सा है. इस पहल से राजधानी के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. साथ ही ध्वनि और वायु प्रदूषण भी नहीं होगा.

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने द्वारका सब-सिटी में सार्वजनिक ई-स्कूटर शेयरिंग प्रणाली और सार्वजनिक ई-साइकिल शेयरिंग सिस्टम शुरू करने के लिए बिड आमंत्रित की है. सार्वजनिक परिवहन को सभी के लिए अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने में लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के महत्व को ध्यान में रख हाई-स्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल की तैनाती की है.

  • The first and last mile is as much of a backbone to public transport, as public transport is, to a livable city.

    In a first, Delhi government under the leadership of CM @arvindkejriwal invites bids for deploying 3000 electric high speed and low speed scooters, e cycles for first…

    — Kailash Gahlot (@kgahlot) September 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तीन चरणों मे सड़क पर उतरेंगे इलेक्ट्रिक वाहन: परिवहन मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत तीन चरणों में द्वारका सब-सिटी में 90 स्थानों पर कुल 3000 इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की तैयारी है. सबसे पहले 1500 ई-वाहन सड़क पर उतरेंगे, जिनमें हाई-स्पीड ई-स्कूटर, लो-स्पीड ई-स्कूटर और ई-साइकिल होगी. इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण में 750 ई-वाहन चलाए जाएंगे. पहले चरण के कार्यान्वयन की समयसीमा 6 माह दुसरे व तीसरे की 4-4 माह है. इस परियोजना की अनुमानित लागत 18 करोड़ है. संचालन और रखरखाव के लिए 7 साल की अवधि होगी.

बीड के लिए नियम और शर्तें: बोलीदाताओं से अपेक्षा की गई है कि वे न्यूनतम 10 मिनट के उपयोग के लिए प्रति मिनट शुल्क का प्रस्ताव करें. 60 प्रतिशत हाई-स्पीड ई-स्कूटर व लो-स्पीड ई-स्कूटर और 40 प्रतिशत ई-साइकिल के अनुपात पर निर्धारित है. बोलीदाताओं को मूल उपकरण निर्माता (ओईएम), ओईएम के अधिकृत डीलर, या ई-स्कूटर या ई-साइकिल का फ्लीट एग्रीगेटर होना अनिवार्य है.

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