नई दिल्लीः पिछले साल कोविड को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के दौरान हुए पलायन को कौन ही भूल सकता है. कोरोना को मात देने के लिए लगे लॉकडाउन के बाद देश भर से लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया था. अब ऐसी ही कुछ तस्वीरें दिल्ली और आसपास की शहरों से एक बार फिर आने लगी हैं. ऐसे में अगर पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया, तो मजदूरों के लिए मुश्किल हो जाएगी.
दरअसल राजधानी में वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया है, जिसका असर इंडस्ट्री पर भी अभी से दिखने लगा है. वहीं दिल्ली में कोरोना संक्रमण की बात करें तो, यहां 61 हजार के करीब लोग अभी इस बीमारी से जूझ रहे हैं. वहीं नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू को देखकर इंडस्ट्री में काम करने वाले मजदूर डर गए हैं और पलायन करना शुरू कर दिया है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की टीम ने नरेला इंडस्ट्रियल एरिया की एसोसिएशन के पदाधिकारी और कर्मचारियों से बात की.
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इंडस्ट्री बंद करने का डर
पदाधिकारी ने बताया कि कुछ मजदूर होली पर गांव गए थे, वापस नहीं लौटे हैं. कुछ मजदूर डर के कारण भी वापस नहीं लौटे हैं, तो कुछ मजदूर लॉकडाउन की डर से पलायन की स्थिति में हैं. जिन मजदूरों को एक महीने बाद जाना था, वह अभी से जाने की कोशिश में हैं. उन्होंने कहा कि हमें भी डर है कि पिछली बार की तरह हमारी इंडस्ट्री बंद करने की नौबत ना आ जाए.
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व्यापारियों को बड़े नुकसान का है डर
नरेला इंडस्ट्रियल एरिया की एसोसिएशन के पदाधिकारी आशीष गर्ग ने कहा कि व्यापार पर भी फर्क दिखने लगा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से बाहर के रहने वाले मजदूर पलायन की स्थिति में है. अभी सरकार ने दो दिन के लिये लॉकडाउन की घोषणा की है, जिससे मजदूर और कर्मचारी में डर का माहौल है कि इस बार भी उनका कामकाज ठप ना हो जाये. इन सबके बीच नरेला औद्योगिक इलाके से मजदूरों के पलायन का सिलसिला भी शुरू हो चुका है.