नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने हरियाणा के यमुनानगर के जिला वन अधिकारी (DFO) को निर्देश दिया है कि वो कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) के एक सौ वर्षों से ज्यादा के पीपल के वृक्ष (Peepal tree) को काटे जाने की शिकायतों पर कार्रवाई करे. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया.
पीपल का पेड़ राष्ट्रीय पेड़ घोषित किया गया
याचिका हरियाणा (Haryana) निवासी सुभाष चंद ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि कुरुक्षेत्र के तहसील शाहबाद मरकंडा के यारा गांव स्थित वेद व्यास कुंड खेड़ा मंदिर के सौ वर्ष पुराने पीपल के पेड़ (Peepal tree) को कानून का उल्लंघन कर काटा जा रहा है. याचिका में कहा गया था कि पीपल का पेड़ राष्ट्रीय पेड़ (National tree) घोषित किया गया है. ये पेड़ चौबीसो घंटे ऑक्सीजन देता है जो पर्यावरण के लिए काफी जरूरी है.
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डीएफओ ने नहीं की कार्रवाई
याचिकाकर्ता मंदिर के ट्रस्ट का प्रमुख है, पीपल का पेड़ (Peepal tree) काटे जाने की सूचना मिलने पर उसने मंदिर प्रबंधन से इस बारे में पूछा. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उसके बाद उसने यमुना नगर के डीएफओ (DFO) से भी इस संबंध में संपर्क किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. कोई कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने एनजीटी (NGT) का दरवाजा खटखटाया.
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