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Kurukshetra: सौ वर्ष पुराने पीपल के पेड़ को काटने की शिकायत, डीएफओ करें कार्रवाई - Complaint of cutting of tree

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) के एक मंदिर में सौ साल से ज्यादा के पीपल के पेड़ (Peepal tree) को काटने की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने डीएफओ को कार्रवाई का आदेश दिया है. याचिका हरियाणा (Haryana) निवासी सुभाष चंद ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि पीपल का पेड़ राष्ट्रीय पेड़ (National tree) घोषित किया गया है.

complaint of cutting of hundred year old peepal tree in national green tribunal
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
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Published : May 31, 2021, 10:51 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने हरियाणा के यमुनानगर के जिला वन अधिकारी (DFO) को निर्देश दिया है कि वो कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) के एक सौ वर्षों से ज्यादा के पीपल के वृक्ष (Peepal tree) को काटे जाने की शिकायतों पर कार्रवाई करे. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया.



पीपल का पेड़ राष्ट्रीय पेड़ घोषित किया गया


याचिका हरियाणा (Haryana) निवासी सुभाष चंद ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि कुरुक्षेत्र के तहसील शाहबाद मरकंडा के यारा गांव स्थित वेद व्यास कुंड खेड़ा मंदिर के सौ वर्ष पुराने पीपल के पेड़ (Peepal tree) को कानून का उल्लंघन कर काटा जा रहा है. याचिका में कहा गया था कि पीपल का पेड़ राष्ट्रीय पेड़ (National tree) घोषित किया गया है. ये पेड़ चौबीसो घंटे ऑक्सीजन देता है जो पर्यावरण के लिए काफी जरूरी है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली के तीन वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में पर्यावरण नियमों को सुनिश्चित करने का आदेश

डीएफओ ने नहीं की कार्रवाई


याचिकाकर्ता मंदिर के ट्रस्ट का प्रमुख है, पीपल का पेड़ (Peepal tree) काटे जाने की सूचना मिलने पर उसने मंदिर प्रबंधन से इस बारे में पूछा. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उसके बाद उसने यमुना नगर के डीएफओ (DFO) से भी इस संबंध में संपर्क किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. कोई कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने एनजीटी (NGT) का दरवाजा खटखटाया.

ये भी पढ़ें- एनजीटी ने तेलंगाना की दवा कंपनियों पर 1 करोड़ 55 लाख का जुर्माना लगाया

ये भी पढ़ें- NGT का निर्देश- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिकायत दर्ज करने के लिए बनाए ऐप

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने हरियाणा के यमुनानगर के जिला वन अधिकारी (DFO) को निर्देश दिया है कि वो कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) के एक सौ वर्षों से ज्यादा के पीपल के वृक्ष (Peepal tree) को काटे जाने की शिकायतों पर कार्रवाई करे. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया.



पीपल का पेड़ राष्ट्रीय पेड़ घोषित किया गया


याचिका हरियाणा (Haryana) निवासी सुभाष चंद ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि कुरुक्षेत्र के तहसील शाहबाद मरकंडा के यारा गांव स्थित वेद व्यास कुंड खेड़ा मंदिर के सौ वर्ष पुराने पीपल के पेड़ (Peepal tree) को कानून का उल्लंघन कर काटा जा रहा है. याचिका में कहा गया था कि पीपल का पेड़ राष्ट्रीय पेड़ (National tree) घोषित किया गया है. ये पेड़ चौबीसो घंटे ऑक्सीजन देता है जो पर्यावरण के लिए काफी जरूरी है.

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डीएफओ ने नहीं की कार्रवाई


याचिकाकर्ता मंदिर के ट्रस्ट का प्रमुख है, पीपल का पेड़ (Peepal tree) काटे जाने की सूचना मिलने पर उसने मंदिर प्रबंधन से इस बारे में पूछा. लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उसके बाद उसने यमुना नगर के डीएफओ (DFO) से भी इस संबंध में संपर्क किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. कोई कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने एनजीटी (NGT) का दरवाजा खटखटाया.

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