नई दिल्ली: विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जा रहा है. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश घर-घर विराजते हैं. 10 दिन तक चलने वाले इस पर्व के दौरान श्रद्धालु अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार उनका विसर्जन करते हैं. विसर्जन को लेकर क्या है सही विधि, गणेशोत्सव के अंतिम दिन विसर्जन का क्या सही मुहूर्त है इसको लेकर ईटीवी भारत ने कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत से खास बातचीत की.
महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत का कहना है कि गणेशोत्सव 10 दिनों तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन उनका विसर्जन किया जाता है. इस बार भगवान गणेश के विसर्जन पूजा का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर सुबह 6:07 बजे से शुरू होकर अगले दिलन 20 सितंबर सुबह 5:30 बजे तक है. वहीं इस बार भगवान के विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 7:40 से 12:14 बजे तक का है और दोपहर 1:46 बजे से 3:18 बजे तक और शाम 6:21 बजे से रात 10:46 बजे तक विसर्जन का समय है. इसके साथ ही 20 सितंबर रात 1:45 बजे से 3:11 बजे तक विसर्जन किया जा सकता है.
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इसके साथ ही महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत ने बताया कि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण श्रद्धा और भाव है. सच्ची श्रद्धा भाव से की गई पूजा से भगवान हमेशा प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस बार सार्वजनिक तौर पर गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर रोक लगाई गई है. जिसको लेकर महंत ने बताया कि श्रद्धालु घर पर ही कृत्रिम तालाब या टब, बाल्टी में प्रतिमा का विसर्जन कर सकते हैं जिससे पर्यावरण भी संरक्षित होता है.