नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है. राहत की बात यह है कि कोरोना को मात देने वालों की संख्या में भी प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. बड़ी संख्या में लोग को रोना को मात देकर अपने घर को लौट रहे हैं. दिल्ली सरकार के आंकड़ों के हिसाब से बुधवार को दिल्ली के कोरोना अस्पताल के करीब 21 हजार बेड खाली है. दिल्ली के सभी कोरोना अस्पताल में कुल 28,708 बेड मौजूद हैं, जिनमें से 20,851 बेड खाली हैं. वहीं 7857 बेड पर मरीजों का इलाज चल रहा है.
दिल्ली के सभी प्राइवेट और सरकारी कोरोना अस्पताल में आईसीयू/वेंटीलेटर के 6871 बेड हैं, जिनमें से 4047 बेड पर मरीज भर्ती हैं तो वहीं 2824 आईसीयू/वेंटीलेटर बेड खाली हैं. मरीजों के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के साथ ही अस्पतालों में बेड की उपलब्धता बढ़ने लगी है. आलम यह है कि दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में करीब 1449 सामान्य और ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं तो वहीं जीटीबी हॉस्पिटल में 1446 सामान्य और ऑक्सीजन बेड.
जीटीबी में उपलब्ध है 546 आईसीयू बेड
पिछले कुछ दिनों के मुकाबले दिल्ली में आईसीयू और वेंटिलेटर बेड की स्थिति में थोड़ा सुधार होता दिख रहा है. सरकार द्वारा विभिन्न अस्पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर के बेड भी बढ़ाए गए हैं. दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल में आईसीयू और वेंटिलेटर के 546 बेड खाली हैं.
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राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 240, लोकनायक जयप्रकाश हॉस्पिटल में 492, एम्स में 12 और एम्स ट्रामा सेंटर में 9 आईसीयू/वेंटिलेटर बेड उपलब्ध है. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में 99, बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल में 66, सफदरजंग हॉस्पिटल में 39, डिवाइन हॉस्पिटल एंड कैंसर इंस्टीटूट में 20, विमहन्स हॉस्पिटल में 45, मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में 22, सर गंगाराम में 26, शांति मुकुंद हॉस्पिटल में 4, मेट्रो हॉस्पिटल में 16, बंसल ग्लोबल हॉस्पिटल में 6, खन्ना हॉस्पिटल में 3, पंचशील हॉस्पिटल में 2, राम सिंह हॉस्पिटल में 5, सिंघल हॉस्पिटल में 3, कुकरेजा हॉस्पिटल में 2 और अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में आईसीयू/वेंटिलेटर के 3 बेड खाली हैं.