नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब राजधानी दिल्ली में म्यूकोरमाइक्रोसिस यानी ब्लैक फंगस का खतरा भी बढ़ने लगा है. रोजाना अलग-अलग अस्पतालों में इससे पीड़ित मरीजों के मामले सामने आ रहे हैं. यह फंगस कैसे फैल रहा है, कैसे आप इसके लक्षणों का पता लगा सकते हैं और समय रहते ही क्या कुछ सावधानी बरतते हुए इससे बचाव किया जा सकता है. इसको लेकर ETV Bharat ने अलग-अलग एक्सपर्ट्स से बात की.
लिवर, किडनी और डायबिटीज मरीजों में खतरा
अपोलो अस्पताल में ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. सुरेश नरूका ने बताया कि इस फंगस का खतरा उन मरीजों में ज्यादा है जो कि लिवर, किडनी , ब्लडप्रेशर, डायबिटीज या ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मरीज हैं और कोरोना संक्रमित हैं. ऐसे मरीजों को इलाज के दौरान यदि ज्यादा मात्रा में स्टेरॉयड्स दिया जाता है, तो उनके शरीर में इम्यूनिटी कम हो जाती है. जिसके चलते ब्लैक फंगस इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टर ने बताया कि यह बेहद खतरनाक फंगस है जो कि नाक के जरिए दिमाग, फेफड़ों, आंखों तक चला जाता है. इस फंगस इंफेक्शन के हो जाने के बाद सही समय पर इलाज नहीं होने पर जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है.
इन लक्षणों से की जा सकती है पहचान
डॉक्टर नरूका ने बताया कि इस फंगस की पहचान कुछ लक्षणों से की जा सकती है. जिसमें कि यदि आप के सर में दर्द होता है, आपको दिखाई देना बंद हो जाता है या फिर आपके नाक से काले रंग का कोई तरल पदार्थ निकलता है. या आपको नींद ज्यादा आती है तो तुरंत आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए और इसकी जांच करानी चाहिए.
नाक के जरिए शरीर के अन्य अंगों तक फंगस पहुंचता है
इसके साथ ही आरएमएल अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के गवर्निंग मेंबर डॉक्टर राजीव सूद ने बताया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और देश की राजधानी दिल्ली समेत अलग-अलग राज्यों में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज देखने को मिल रहे हैं. दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल में भी रोजाना 15 से 20 ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. यह एक ऐसा इंफेक्शन है जिसमें कि नाक के जरिए शरीर के अन्य अंगों तक फंगस पहुंचता है.
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डॉक्टर सूद ने बताया कि कोरोना वायरस के दौरान काफी ज्यादा स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसके चलते यह इंफेक्शन देखने को मिल रहा है. इसको लेकर यही सलाह है कि कोई भी व्यक्ति बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉयड का इस्तेमाल ज्यादा ना करें. डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवा लें.
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