नई दिल्ली: पिछले 5 दिन से जंतर मंतर पर 'किसान संसद' की कार्यवाही चल रही है. बरसात हो या कड़कड़ाती धूप किसान संसद का रोज आयोजन किया जा रहा है. किसान संसद में बैठकर किसान तीन कृषि कानूनों पर चर्चा कर रहे हैं. सबसे दिलचस्प बात ये है कि 'किसान संसद' की रूपरेखा असली संसद की तरह है.
जंतर मंतर पर संसद की कार्यवाही 3 सत्र में चलती है और तीनों सत्र के लिए स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चयन किया जाता है. जंतर मंतर पर चल रहे किसान संसद की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होती है और शाम 5 बजे तक चलती है. दिन में 2 बजे से लेकर 3 बजे के बीच लंच ब्रेक होता है.
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सबसे पहले सुबह 10 बजे सिंघु बॉर्डर से 200 किसानों का जत्था 5 बसों में बैठकर पुलिस सुरक्षा के बीच जंतर मंतर के लिए निकलता है. 11 बजे के करीब किसानों का काफिला जंतर मंतर पहुंचता है, जिसके बाद किसान संसद के प्रथम सत्र की कार्यवाही शुरू की जाती है. साढ़े 12 बजे के करीब 15 मिनट का टी ब्रेक होता है जिसके बाद संसद के दूसरे सत्र की कार्यवाही शुरू होती है. दूसरे सत्र की कार्यवाही दोपहर 2 बजे खत्म होती है जिसके बाद 1 घंटे का लंच ब्रेक होता है.
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शाम 3 बजे किसान संसद के तीसरे और अंतिम सत्र की कार्यवाही शुरू होती है जो शाम 5 बजे तक चलती है. पांच बजते ही किसान संसद की कार्यवाही का समापन हो जाता है और किसान वापस अपने बसों में बैठकर पुलिस सुरक्षा के बीच सिंघु बॉर्डर के लिए प्रस्थान कर जाते हैं.