नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने आठ शहीदों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली सरकार ने तय किया है कि 8 शहीदों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी. दिल्ली की तरफ से आठों शहीदों को हम नमन करते हैं. इसके अतिरिक्त शहीदों के परिवारों को जो भी आवश्यकता होगी, उसका भी दिल्ली सरकार पूरा ख्याल रखेगी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नांगलोई के रहने वाले दिनेश कुमार सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन में बतौर सब-इंस्पेक्टर तैनात थे. 2013 में एक आईईडी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुए और लंबे समय तक अस्पताल में रहे 2017 में उनका निधन हो गया. शहीद दिनेश कुमार के परिवार को एक करोड़ की सम्मान राशि दी जाएगी.
केजरीवाल ने कहा कि द्वारका के रहने वाले कैप्टन जयंत जोशी भारतीय सेना में सहायक पायलट थे. पठानकोट के करीब उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसके बाद उन्हें पठानकोट के आर्मी हॉस्पिटल में ले जाया गया. दुर्भाग्यवश उन्हें बचाया ना जा सका. जोशी के परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी.
इनको मिलेगी सम्मान राशिः CM केजरीवाल ने कहा कि सरस्वती गार्डन में रहने वाले महावीर दिल्ली पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर तैनात थे. ड्यूटी के दौरान वाहन की चपेट में आने के बाद उनका निधन हो गया. अग्निशमन विभाग में प्रवीण कुमार बतौर फायर ऑपरेटर तैनात थे. डिस्पोजेबल प्लेट बनाने की फैक्ट्री में लगी आग के दौरान प्रवीण कुमार वहां आग बुझाने के लिए पहुंचे थे. फैक्ट्री के पीछे का हिस्सा गिर कर गया. जिसकी चपेट में प्रवीण कुमार आ गए. इसमें उनका निधन हो गया.
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस में बतौर ASI तैनात रोहिणी निवासी राधेश्याम ड्यूटी के दौरान एक वाहन की चपेट में आ गए, जिसमें उनकी मौत हो गई. नरेला निवासी दिल्ली होमगार्ड के जवान भरत सिंह नाइट पेट्रोलिंग पर थे और पेट्रोलिंग के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें टक्कर मारी और उनकी मौके पर मौत हो गई. वेस्ट विनोद नगर निवासी दिल्ली होमगार्ड के जवान नरेश कुमार लक्ष्मी नगर थाने में कार्यरत थे. पिकेट ड्यूटी के दौरान एक वाहन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई. इन सभी के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी.
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पांडव नगर निवासी पुनीत गुप्ता सिविल डिफेंस वालंटियर थे. चेकिंग के दौरान भाषा बॉर्डर पर ड्यूटी करते हुए उन्होंने एक ट्रक को रोकने की कोशिश की. ट्रक की चपेट में आने से मौके पर उनकी मौत हो गई. परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी.
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