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पिछले 4 सालों में 3767 किमी गलियों और 5203 किमी नालियों का निर्माण हुआः मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में राज्य सरकार दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने को लेकर प्रतिबद्ध है. पहले की सरकारें सिर्फ गरीबों का वोट लेती थी, लेकिन हम यहां काम कर रहे हैं.

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Published : Dec 19, 2022, 8:42 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग तथा इंडस्ट्री एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ विकासात्मक कार्यों के प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में राज्य सरकार दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने को लेकर प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सिर्फ और सिर्फ अपने वोट बैंक के रूप में देखा और चुनाव के बाद यहां काम करवाने के बजाय कन्नी काटते रहे. उनके नेता यहां आते थे और वादे करके चले जाते थे, लेकिन केजरीवाल ने इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने, शानदार सड़कें-गलियां, जल-निकासी के लिए चौड़ी नालियां बनवाने की गारंटी दी थी और हमें खुशी है कि हम जनता को दी गई गारंटियों को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में केजरीवाल जी की सरकार ने 3767 किलोमीटर गलियों और 5203 किमी नालियों का निर्माण किया है.

सिसोदिया ने कहा कि कुछ साल पहले तक इन अनधिकृत कॉलोनियां में रहने वाले लोगों की हालत काफी दयनीय थी. इन कॉलोनियों में जल-निकासी के लिए नालियां तक मौजूद नहीं थी. घरों से निकलने वाला पानी आसपास जमा हो जाता था, जिससे बीमारियां पनपती थी. देश की राजधानी में होने के बावजूद इन कॉलोनियों में या तो सड़कें नहीं थी या फिर कच्ची सड़कें थी. बरसात के दौरान यहां हर जगह पानी भर जाता था.

उन्होंने कहा कि सरकार के आने के बाद हमने इस पर संज्ञान लिया. इन कॉलोनियों के डेवलपमेंट का खाका तैयार किया और फिर उसे अमल में लेकर आए. इसी का नतीजा है कि दिल्ली की इन अनधिकृत कॉलोनियों में आज अधिकृत कॉलोनियों जैसी सुविधाएं मौजूद है और यहां रहने वाले लोग सम्मानपूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः G-20 Summit: दिल्ली की सड़कों से शेल्टर होम में शिफ्ट होंगे गरीब; ताकि नहीं बिगड़े राजधानी की रौनक

समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में लगभग 300 ऐसी अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जहां विभिन्न कारणों की वजह से विकासात्मक कार्य नहीं किया जा सका है. अधिकारियों ने बताया कि इन कॉलोनियों में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण, डीडीए से एनओसी न मिलने, फारेस्ट लैंड होने, ओवरलैपिंग होने के कारण दिल्ली सरकार द्वारा डेवलपमेंट कार्य शुरू नहीं किए जा सके. साथ ही अधिकारीयों ने बताया कि इन कॉलोनियों में बहुत सी ऐसी कॉलोनियां हैं, जहां नालियों-गलियों की स्थिति पहले से ही अच्छी है या फिर उसे किसी अन्य एजेंसी द्वारा डेवलप किया गया है.

नई दिल्लीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग तथा इंडस्ट्री एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ विकासात्मक कार्यों के प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में राज्य सरकार दिल्ली के अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने को लेकर प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सिर्फ और सिर्फ अपने वोट बैंक के रूप में देखा और चुनाव के बाद यहां काम करवाने के बजाय कन्नी काटते रहे. उनके नेता यहां आते थे और वादे करके चले जाते थे, लेकिन केजरीवाल ने इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं विकसित करने, शानदार सड़कें-गलियां, जल-निकासी के लिए चौड़ी नालियां बनवाने की गारंटी दी थी और हमें खुशी है कि हम जनता को दी गई गारंटियों को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में केजरीवाल जी की सरकार ने 3767 किलोमीटर गलियों और 5203 किमी नालियों का निर्माण किया है.

सिसोदिया ने कहा कि कुछ साल पहले तक इन अनधिकृत कॉलोनियां में रहने वाले लोगों की हालत काफी दयनीय थी. इन कॉलोनियों में जल-निकासी के लिए नालियां तक मौजूद नहीं थी. घरों से निकलने वाला पानी आसपास जमा हो जाता था, जिससे बीमारियां पनपती थी. देश की राजधानी में होने के बावजूद इन कॉलोनियों में या तो सड़कें नहीं थी या फिर कच्ची सड़कें थी. बरसात के दौरान यहां हर जगह पानी भर जाता था.

उन्होंने कहा कि सरकार के आने के बाद हमने इस पर संज्ञान लिया. इन कॉलोनियों के डेवलपमेंट का खाका तैयार किया और फिर उसे अमल में लेकर आए. इसी का नतीजा है कि दिल्ली की इन अनधिकृत कॉलोनियों में आज अधिकृत कॉलोनियों जैसी सुविधाएं मौजूद है और यहां रहने वाले लोग सम्मानपूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

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समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में लगभग 300 ऐसी अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जहां विभिन्न कारणों की वजह से विकासात्मक कार्य नहीं किया जा सका है. अधिकारियों ने बताया कि इन कॉलोनियों में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण, डीडीए से एनओसी न मिलने, फारेस्ट लैंड होने, ओवरलैपिंग होने के कारण दिल्ली सरकार द्वारा डेवलपमेंट कार्य शुरू नहीं किए जा सके. साथ ही अधिकारीयों ने बताया कि इन कॉलोनियों में बहुत सी ऐसी कॉलोनियां हैं, जहां नालियों-गलियों की स्थिति पहले से ही अच्छी है या फिर उसे किसी अन्य एजेंसी द्वारा डेवलप किया गया है.

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