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केजरीवाल सरकार की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर लग सकता है ब्रेक

दिल्ली सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी योजना के लिए वीएफएस ग्लोबल नामक कंपनी से 3 साल का करार किया था, लेकिन कंपनी ने कोरोना संक्रमण काल में कर्मचारियों की भारी संख्या में छटनी कर दी. जिससे ये सेवा प्रभावित हो गई है.

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Published : Aug 12, 2020, 1:28 PM IST

Door step delivery scheme
डोर स्टेप डिलीवरी योजना

नई दिल्ली: कोरोना महामारी का असर दिल्ली सरकार की ओर से पिछले साल शुरू की गई सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर भी पड़ सकता है. दिल्ली सरकार ने इस काम के लिए वीएफएस ग्लोबल नामक कंपनी से 3 साल का करार किया था, लेकिन कंपनी ने कोरोना संक्रमण काल में कर्मचारियों की भारी संख्या में छटनी कर दी. जिससे ये सेवा प्रभावित हो गई है.

डोर स्टेप डिलीवरी योजना को लेकर आशंकाए

डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर कोरोना का असर


पेंडिंग आवेदन को निबटाना हो रहा मुश्किल चंद रोज में हालात नहीं सुधरे, तो दिल्ली सरकार की सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी योजना खटाई में पड़ जाएगी. दिल्ली सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस, जाति प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र जैसे करीब एक सौ काम के लिए डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू की थी. सेवा इसलिए शुरू की गई ताकि कार्यालय न आना पड़े. ये सेवा इसलिए शुरू की गई ताकि लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना पड़े.

कोरोना संक्रमण काल के शुरुआत में इसका काफी फायदा हुआ. मोबाइल सहायक की कमी से सेवा प्रभावित इस काम के लिए कंपनी ने सैकड़ों मोबाइल सहायक की नियुक्ति की. जो फोन कॉल करने वाले व्यक्ति के घर पहुंचकर सभी कागजात इकट्ठा करता था. ताकि प्रमाण पत्र घर तक पहुंच सके.

पुनः बहाल करने के लिए फिर प्रयास

इस काम के लिए मोबाइल सहायक की भूमिका बेहद अहम है. लेकिन कोरोना के कारण लॉकडाउन के समय कंपनी ने जो भारी संख्या में कर्मचारियों की छटनी शुरू की, इसका असर ये हुआ है कि अब काफी कम मोबाइल सहायक कंपनी में बचे हुए हैं.


दिल्ली सरकार ने सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी के लिए बीते वित्त वर्ष में बजट में 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. ओबीसी सर्टिफिकेट, एससी सर्टिफिकेट व आय प्रमाण पत्र के डोर स्टेप डिलीवरी के सबसे ज्यादा लोगों की ओर से फोन कॉल किए जाते थे. दिल्ली सरकार इस सेवा को पुनः बहाल करने के लिए फिर प्रयास कर रही है.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी का असर दिल्ली सरकार की ओर से पिछले साल शुरू की गई सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर भी पड़ सकता है. दिल्ली सरकार ने इस काम के लिए वीएफएस ग्लोबल नामक कंपनी से 3 साल का करार किया था, लेकिन कंपनी ने कोरोना संक्रमण काल में कर्मचारियों की भारी संख्या में छटनी कर दी. जिससे ये सेवा प्रभावित हो गई है.

डोर स्टेप डिलीवरी योजना को लेकर आशंकाए

डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर कोरोना का असर


पेंडिंग आवेदन को निबटाना हो रहा मुश्किल चंद रोज में हालात नहीं सुधरे, तो दिल्ली सरकार की सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी योजना खटाई में पड़ जाएगी. दिल्ली सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस, जाति प्रमाण पत्र, आवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र जैसे करीब एक सौ काम के लिए डोर स्टेप डिलीवरी योजना शुरू की थी. सेवा इसलिए शुरू की गई ताकि कार्यालय न आना पड़े. ये सेवा इसलिए शुरू की गई ताकि लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाना पड़े.

कोरोना संक्रमण काल के शुरुआत में इसका काफी फायदा हुआ. मोबाइल सहायक की कमी से सेवा प्रभावित इस काम के लिए कंपनी ने सैकड़ों मोबाइल सहायक की नियुक्ति की. जो फोन कॉल करने वाले व्यक्ति के घर पहुंचकर सभी कागजात इकट्ठा करता था. ताकि प्रमाण पत्र घर तक पहुंच सके.

पुनः बहाल करने के लिए फिर प्रयास

इस काम के लिए मोबाइल सहायक की भूमिका बेहद अहम है. लेकिन कोरोना के कारण लॉकडाउन के समय कंपनी ने जो भारी संख्या में कर्मचारियों की छटनी शुरू की, इसका असर ये हुआ है कि अब काफी कम मोबाइल सहायक कंपनी में बचे हुए हैं.


दिल्ली सरकार ने सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी के लिए बीते वित्त वर्ष में बजट में 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. ओबीसी सर्टिफिकेट, एससी सर्टिफिकेट व आय प्रमाण पत्र के डोर स्टेप डिलीवरी के सबसे ज्यादा लोगों की ओर से फोन कॉल किए जाते थे. दिल्ली सरकार इस सेवा को पुनः बहाल करने के लिए फिर प्रयास कर रही है.

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