नई दिल्ली: नई पीढ़ी को पर्यावरण से जोड़ने के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली के चारों ओर वर्ल्ड क्लास सिटी फॉरेस्ट विकसित करने का फैसला किया है. चारों ओर विकसित किए जा रहे सिटी फॉरेस्ट का थीम 'प्रकृति के पास, परिवार के साथ' किया जा रहा है. यह जानकारी दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दी. उन्होंने बताया कि इस प्लान में सिटी फारेस्ट की वर्तमान स्थित से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा. साथ ही कहा कि सिटी फारेस्ट में एम्फीथिएटर भी बनाया जाएगा. इसके अलावा यहां पर आने वाले युवाओं को पर्यावरण संरक्षण को लेकर शिक्षित भी किया जाएगा.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि समर एक्शन प्लान के सभी 14 बिंदुओं में से एक दिल्ली के सिटी फॉरेस्ट को विकसित करना है. उन्होंने बताया कि दिल्ली के चारों कोने में मौजूद मुख्य चार सिटी फॉरेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है. इनमें दक्षिण पश्चिम दिल्ली का मित्राओं सिटी फॉरेस्ट, उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फॉरेस्ट, पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फॉरेस्ट शामिल है. यह चारों सिटी फॉरेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैला हुआ है. इस परियोजना के तहत मित्राओं सिटी फॉरेस्ट के पॉकेट A और B का 98 एकड़, अलीपुर सिटी फॉरेस्ट का 48 एकड़, गढ़ी मांडु सिटी फॉरेस्ट का 42 एकड़ और जौनापुर सिटी फॉरेस्ट का 98 एकड़ में विकसित किया जाएगा.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वर्ल्ड क्लास सिटी फॉरेस्ट की विशेषताओं के बारे में बताते हुए कहा कि सिटी फॉरेस्ट को पर्यावरण के अनुकूल विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पर्यावरण से कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सिटी फॉरेस्ट में आम आदमी के लिए मुरम पाथ, पेय जल, सार्वजनिक सुविधा, मेडिटेशन हट, एम्पीथीयेटर जैसी सुविधाएं मौजूद होंगी. साथ ही रिसर्च करने के लिए और उनके रिसर्च के आधार पर सिटी फॉरेस्ट को और बेहतर बनाने के लिए इन सिटी फॉरेस्ट को ओपन म्यूजियम या लिविंग लैब के रूप में भी विकसित किया जाएगा.
गोपाल राय ने बताया कि इन सिटी फॉरेस्ट में छोटी-छोटी नर्सरी के द्वारा सभी लोगों को मुफ्त में पौधे भी वितरित किए जाएंगे. साथ ही कहा कि आउट डोर एक्टिविटीज जैसे बर्ड वॉचिंग, जंगल वॉक एक्टिविटी आदि भी शामिल है.
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