ETV Bharat / state

मां कालका के जन्मदिन पर निकली भव्य कलश यात्रा, ढोल-नगाड़े की धुन पर नाचे भक्त

चैत्र नवरात्री पर असोला स्थिति सिद्धपीठ श्री साईं कालका मंदिर में धूमधाम से कलश यात्रा निकाली गईं. इस दौरान हजारों की तादाद में आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और मां कालका का जन्मदिन मनाया.

A
A
author img

By

Published : Mar 28, 2023, 6:39 PM IST

असोला स्थिति सिद्धपीठ श्री साईं कालका मंदिर में निकली कलश यात्रा

नई दिल्ली: चैत्र नवरात्री के पावन अवसर पर देश के तमाम मंदिरों में बड़े धूमधाम से अलग-अलग धार्मिक एवम सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है. मंदिरों मे भक्तों की लम्बी-लम्बी लाइन देखने को मील रही है. वहीं, साउथ दिल्ली स्थित असोला में सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर में भी बड़े ही धूमधाम से कालका मां के भक्तों ने कलश यात्रा निकाली. इस यात्रा में हजारों की तादाद में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया एवं ढोल नगाड़ा की धुन पर भक्ति भाव से मगन होकर नाचे.

इस यात्रा में जहां एक तरफ सैकड़ों की तादाद में महिलाओं ने सर पर कलश रखकर नगर का चक्कर लगाया. वहीं उनके पीछे हजारों की तादाद में भक्तों ने मां के झंडे लेकर शोभा यात्रा में हिस्सा लिया. सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर में आए भक्तों के रुकने एवं उनके भोजन की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी. जो लोग नवरात्रि के पावन अवसर में मां के लिए व्रत रखते हैं उनके लिए भी अलग से भोजन का प्रबंध किया गया था. यह यात्रा मंदिर से हर साल की तरह मां कालका के जन्मदिवस पर निकाली जाती है और इस यात्रा में हजारों की तादात में मां कालका से जुड़े श्रद्धालु हिस्सा लेकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. बता दें, इस यात्रा का समापन मां कालका की महा आरती एवं सात्विक केक काटकर किया गया. इस मौके पर सभी श्रद्धालु भक्ति भाव से उत्साहित नजर आए और मां कालका के जयकारे लगाते हुए ढोल नगाड़ों में जमकर थिरके.

इसे भी पढ़ें: गेस्ट टीचरों को नियमित करने के आदेश वाली फाइल शिक्षा निदेशालय से गुम

वहीं, मीडिया से बात करते हुए सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर की प्रमुख श्री लाडली सरकार ने बताया कि मंदिर में हर साल इसी तरह के धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं. जिससे भक्त मां कालका एवं दूसरे देवी-देवताओं के साथ अंतरात्मा से जुड़े रहते हैं. इसके साथ-साथ अपने धर्म और संस्कृति को भी पहचान कर उस पर चलने की कोशिश करते हैं. मंदिर का भी मकसद यही है कि हमारे धर्म और संस्कृति से लोगों का जुड़ाव हो और वह हमारे पूर्वजों की पूजा पद्धति पर चल सके. उन्होंने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए हर साल की तरह इस बार भी चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है. उनके ठहरने तथा भोजन का भी प्रबंध मंदिर की ही तरफ से किया जाता है.

इसे भी पढ़ें: Adani Issue: दिल्ली विधानसभा में अडानी और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा, आप विधायक ने रखा संकल्प प्रस्ताव

असोला स्थिति सिद्धपीठ श्री साईं कालका मंदिर में निकली कलश यात्रा

नई दिल्ली: चैत्र नवरात्री के पावन अवसर पर देश के तमाम मंदिरों में बड़े धूमधाम से अलग-अलग धार्मिक एवम सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है. मंदिरों मे भक्तों की लम्बी-लम्बी लाइन देखने को मील रही है. वहीं, साउथ दिल्ली स्थित असोला में सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर में भी बड़े ही धूमधाम से कालका मां के भक्तों ने कलश यात्रा निकाली. इस यात्रा में हजारों की तादाद में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया एवं ढोल नगाड़ा की धुन पर भक्ति भाव से मगन होकर नाचे.

इस यात्रा में जहां एक तरफ सैकड़ों की तादाद में महिलाओं ने सर पर कलश रखकर नगर का चक्कर लगाया. वहीं उनके पीछे हजारों की तादाद में भक्तों ने मां के झंडे लेकर शोभा यात्रा में हिस्सा लिया. सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर में आए भक्तों के रुकने एवं उनके भोजन की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी. जो लोग नवरात्रि के पावन अवसर में मां के लिए व्रत रखते हैं उनके लिए भी अलग से भोजन का प्रबंध किया गया था. यह यात्रा मंदिर से हर साल की तरह मां कालका के जन्मदिवस पर निकाली जाती है और इस यात्रा में हजारों की तादात में मां कालका से जुड़े श्रद्धालु हिस्सा लेकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. बता दें, इस यात्रा का समापन मां कालका की महा आरती एवं सात्विक केक काटकर किया गया. इस मौके पर सभी श्रद्धालु भक्ति भाव से उत्साहित नजर आए और मां कालका के जयकारे लगाते हुए ढोल नगाड़ों में जमकर थिरके.

इसे भी पढ़ें: गेस्ट टीचरों को नियमित करने के आदेश वाली फाइल शिक्षा निदेशालय से गुम

वहीं, मीडिया से बात करते हुए सिद्ध पीठ श्री साईं कालका मंदिर की प्रमुख श्री लाडली सरकार ने बताया कि मंदिर में हर साल इसी तरह के धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं. जिससे भक्त मां कालका एवं दूसरे देवी-देवताओं के साथ अंतरात्मा से जुड़े रहते हैं. इसके साथ-साथ अपने धर्म और संस्कृति को भी पहचान कर उस पर चलने की कोशिश करते हैं. मंदिर का भी मकसद यही है कि हमारे धर्म और संस्कृति से लोगों का जुड़ाव हो और वह हमारे पूर्वजों की पूजा पद्धति पर चल सके. उन्होंने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए हर साल की तरह इस बार भी चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी है. उनके ठहरने तथा भोजन का भी प्रबंध मंदिर की ही तरफ से किया जाता है.

इसे भी पढ़ें: Adani Issue: दिल्ली विधानसभा में अडानी और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा, आप विधायक ने रखा संकल्प प्रस्ताव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.