नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट ने आज दिल्ली हिंसा मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद आज तिहाड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट को निर्देश दिया कि वो उमर खालिद को नियमों के मुताबिक सेल से बाहर निकलने की अनुमति दे.
'क्या उमर चिड़ियाघर का जानवर है'
सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट से कहा कि आप पर आरोप है कि आप उमर खालिद को सेल से बाहर नहीं निकलने देते हैं. तब जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि ऐसा नहीं है. हम नियमों का पालन कर रहे हैं और उसे दूसरे कैदियों की तरह ही सुविधाएं मिल रही हैं. तब उमर खालिद के वकील त्रिदिप पायस ने जेल सुपरिंटेंडेंट की ओर से दिए गए जवाब की प्रति वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान स्क्रीन पर शेयर की ताकि उमर खालिद उसे देख सके. त्रिदिप ने अंतिम दो प्रविष्टियों की ओर ध्यान दिलाया.
उन्होंने कहा कि ऐसा किसी दूसरे के साथ नहीं हो. उमर को 30 घंटे के अंदर बाहर नहीं जाने दिया गया. उमर खालिद को बाहर निकलने का समय नहीं बताया गया है. तब कोर्ट ने कहा कि हमने भी इसे पढ़ा है. तब उमर खालिद के वकील ने पूछा कि क्या उमर चिड़ियाघर का जानवर है. उसे एक सामान्य व्यक्ति की तरह क्यों नहीं व्यवहार किया जाता है. तब जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि उमर खालिद को रोजाना रुटीन के मुताबिक बाहर जाने की अनुमति होती है. वह कल भी बाहर निकला था.
'कोर्ट से शिकायत के बाद सुधार आया'
जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि आमतौर पर सूर्यास्त तक जेल खुला रहता है. सूर्योदय से दोपहर बारह बजे और तीन बजे से सूर्यास्त तक जेल खुला रहता है. तब कोर्ट ने पूछा कि क्या उमर खालिद को इसकी अनुमति मिलती है. तब जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि हां लेकिन सुरक्षा का सवाल है. तब कोर्ट ने कहा कि उसमें शर्तें क्या हो सकती हैं, आप उसे कितनी बार बाहर निकलने की अनुमति देते हैं. तब जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि उसे अन्य कैदियों की तरह बाहर निकलने की अनुमति मिलती है. तब कोर्ट ने उमर से पूछा कि क्या आपको सेल से बाहर निकलने की अनुमति मिलती है. तब उमर ने कहा कि हमें इसकी अनुमति नहीं दी जा रही थी. जब हमने कल कोर्ट से इसकी शिकायत की उसके बाद सुधार आया है.
जेल सुपरिंटेंडेंट हमारे पास आए और हमें बाहर ले गए. उसके पहले हमें काफी घंटों के बाद आधे घंटे के लिए बाहर जाने का मौका मिलता था. पिछले कुछ दिनों से हमें किसी से मिलने भी नहीं दिया गया. मैं उम्मीद करता हूं कि स्थिति सुधरेगी. सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने किताबें और गर्म कपड़े उपलब्ध कराने की अनुमति मांगी. तब जेल सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि हम इसकी अनुमति देंगे.
'सेल से बाहर निकलने की अनुमति नहीं'
पिछले 22 अक्टूबर को जेल के सेल से बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिलने की उमर खालिद की शिकायत पर कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट को पेश होने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने कोर्ट से शिकायत की थी कि मुझे अपने सेल से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है और किसी को मुझसे बात करने की इजाजत नहीं दी जाती है. यह एकांत कारावास जैसा है। उमर खालिद की शिकायत के बाद कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट को पेश होने का निर्देश दिया था.
'यूएपीए के तहत लगाए गए आरोप गलत'
पिछले 24 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था. पिछले 14 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद को 24 सितंबर तक की पुलिस हिरासत में भेजा था. सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर वकील त्रिदिप पेस ने कहा था कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. दिल्ली में हुए दंगों के दौरान वह दिल्ली में नहीं था. दिल्ली दंगों के दौरान उसने केवल एक जगह अमरावती में भाषण दिया था. उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि वो पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य नहीं है.
उमर खालिद ने कहा था कि उसके भाषणों का गलत मतलब निकाला गया. खालिद के वकील ने कहा था कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि उसने दिल्ली दंगाईयों को धन मुहैया कराया. खालिद ने कहा था कि उसके खिलाफ यूएपीए के तहत लगाए गए आरोप गलत हैं.
13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था
बता दें कि उमर खालिद को 13 सितंबर को करीब दस घंटे की पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात में गिरफ्तार कर लिया था. पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 16 सितंबर को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पन्नों का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंची थी.