नई दिल्ली: आरोप है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi tharoor) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी. इसी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोप तय करने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने इस मामले में 27 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.
'मैंने अपराध नहीं किया है'
पिछली 25 जुलाई को शशि थरूर कोर्ट में पेश हुए थे और कोर्ट से कहा था कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. शशि थरूर ने कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है, वो गलत है. पिछले 7 जून को कोर्ट ने शशि थरुर को जमानत दी थी. कोर्ट ने शशि थरूर को 20 हजार रुपये के मामुली मुचलके पर जमानत दे दी थी.
राजीव बब्बर ने डाली थी याचिका
बता दें कि पिछले 27 अप्रैल को कोर्ट ने शशि थरुर को बतौर आरोपी समन जारी किया गया था. 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था.
राजीव बब्बर (Rajeev Babbar) ने अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था. जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से. याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर के इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.
'शशि थरूर का बयान असहनीय'
राजीव बब्बर ने कहा है कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय बताया गया है.
बैंगलोर में लिटरेचर फेस्टिवल में दिया था बयान
याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है. बता दें कि शशि थरूर ने हाल ही में बैंगलोर में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आरएसएस के एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह हैं, जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल से.