नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने शनिवार को शिक्षा निदेशालय और एमसीडी स्कूलों के 2700 से अधिक स्कूल प्रमुखों के लिए मिशन बुनियाद को लेकर जॉइंट ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया. इस दौरान शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि देश का भविष्य क्लासरूम में बैठा है. हम देश के भविष्य को मजबूत कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि हम अपनी कक्षाओं में बैठे बच्चों के बुनियाद को मजबूत करें.
उन्होंने कहा कि इस दिशा में शिक्षा निदेशालय और एमसीडी स्कूल दिल्ली शिक्षा प्रणाली के दो मजबूत स्तंभ है और दोनों साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाएंगे. उन्होंने कहा कि इस साल मिशन बुनियाद के लक्ष्यों को शत प्रतिशत हासिल करने के लिए स्कूल प्रमुखों और टीचर्स आगे बढ़कर ऑनरशिप ले. वहीं, मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि सभी स्कूल प्रमुख अपने टीचर्स को हमेशा हर बच्चों को बेहतर सीखने में मदद करने के लिए प्रेरित करें तभी हम मिशन बुनियाद के लक्ष्य को पूरी तरह से हो प्राप्त कर पाएंगे.
साथ मिलकर काम करेंगेः शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि दिल्ली सरकार और एमसीडी की टीम एजुकेशन अब साथ मिलकर दिल्ली के हर एक बच्चे के लिए बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मंच पर है. बाबा साहेब ने 75 साल पहले ये सपना देखा था कि देश का हरेक बच्चा चाहे वो अमीर परिवार से हो या गरीब परिवार से, उसको अच्छी शिक्षा और बराबरी के अवसर मिलने चाहिए.
क्या बोलीं दिल्ली की मेयरः मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि हमें बच्चों की बुनियाद को मजबूत करना है. कोविड महामारी के चलते दो साल तक बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित रही. उसी गैप को भरने के लिए मिशन बुनियाद की शुरुआत की गई. मिशन बुनियाद के तहत बच्चे अलग-अलग स्तर की कक्षाओं में भाग लेते हैं.
उन्होंने कहा कि जब छात्र कक्षा छठवीं में जाता है तो एकदम से पढ़ाई का स्तर बढ़ जाता है. ऐसे में हमें 1 से लेकर 5वीं तक की लर्निंग प्रोसेस को बेहतर करना है. जेईई-नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अभी से हमें छात्रों को तैयार करना होगा. ऐसे में हमें उन्हें प्रतियोगी बेस्ड नॉलेज देनी है. इसके लिए हमें मिशन बुनियाद को प्रभावी तरीके से लागू करना होगा.
मिशन बुनियाद की मौजूदा स्थिति क्या हैः पिछले सत्र में एमसीडी स्कूलों के कक्षा 5 के 47% बच्चे और दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 5 के 70% बच्चे सिंपल टेक्स्ट पढ़ सकते थे. मौजूदा सत्र 2023-24 में ये सभी बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों की छठी कक्षा में हैं. इसे शत प्रतिशत बनाने के लिए टीम एजुकेशन प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी.
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नए सत्र में मिशन बुनियाद की तैयारीः इस वर्ष डीओई और एमसीडी स्कूलों में बुनियादी सीखने के स्तर को मजबूत करने और कक्षा तीसरी से आठवीं तक सभी बच्चों के सीखने अंतर को पाटने के लिए विभिन्न अप्रोच लागू किए जाएंगे.
- कक्षा 3 से 5 के बच्चों को बिना अटके शर्ट स्टोरी पढ़ने के लिए और कक्षा 6 से 8 के शेष सभी बच्चों को धाराप्रवाह एडवांस स्टोरी पढ़ने के तैयार किया जाएगा. इससे उन्हें अपनी कक्षा की पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने में मदद मिलेगी. साथ ही सभी बच्चों को सरल भाग करना सिखाया जाएगा.
- उन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा, जो बच्चों को अपरिचित शब्दों के साथ धाराप्रवाह पढ़ने, गलतियों के बिना लिखने और स्थानीय मान की स्पष्ट समझ के साथ गुणा और भाग से जुड़े हाई आर्डर गणितीय सवालों को समझने और हल करने में मदद करेंगे.
- साथ ही एससीईआरटी, शिक्षा निदेशालय और एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में एक नोडल टीम ने एक संयुक्त पाठ्यचर्या रणनीति तैयार की है. इससे बच्चों की प्रगति की बारीकी से मॉनिटरिंग की जाएगी.
- एमसीडी स्कूल और शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि अगले साल से उनके स्कूल का हर वो बच्चा, जो छठी कक्षा में शिक्षा निदेशालय के स्कूल में पढ़ने जाएगा, लिखने और अंकगणित के सवाल करने में पूरी तरह से कुशल होगा.