नई दिल्ली: JNU में काम करने वाले मजदूरों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. JNU प्रशासन पर यह आरोप यूनिवर्सिटी छात्र संघ ने लगाया है. 13 दिसंबर को JNUSU और AICCU के तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें प्रशासन और नए कांट्रेक्टर के खिलाफ कई आरोप लगाए गए.
इनमें सबसे बड़ा आरोप यह कि यहां काम करने वाले मजदूरों को जातिसूचक शब्दों से गालियां दी जा रही हैं. उन्हें वक्त से तनख्वाह नहीं मिल रही है. जो नई कंपनी इस कैंपस में आई है वह इन मजदूरों से एक कागज पर दस्तखत करवा रही है. जिस पर लिखा है कि वह किसी भी तरह का प्रोटेस्ट या हड़ताल नहीं कर सकते और ना ही किसी तरह की यूनियन बना सकते हैं.
इन सभी परेशानी को लेकर गोविंद नाम के सुपरवाइजर ने जब आवाज उठाई तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया. इस कैंपस में सैकड़ों मजदूर हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी जैसे दौर में भी पूरी निष्ठा के साथ अपना काम किया. कई सफाई कर्मचारी उस दौर में बीमार भी हुए, बावजूद इसके वह लगातार अपना काम करते रहे. मजदूरों का यह आरोप है कि उस दौर में प्रशासन की तरफ से मास्क या सेनीटाइजर यानी सेफ्टी प्रिकॉशन के लिए कुछ भी इंतजाम नहीं किया जा गया था.
आखिर में इन मजदूरों ने जेएनयू छात्र संघ से संपर्क किया उसके बाद AICCU और कैंपस के कुछ प्रोफेसर इन मजदूरों की समस्याओं को लेकर जेएनयू प्रशासन के पास गए, लेकिन इनका कहना है जेएनयू प्रशासन के तरफ से कोई मदद नहीं मिली. AICCU की तरफ से एक गंभीर आरोप लगाया गया जिसमें लेबर एक्ट के कई नियमों का उल्लंघन इस कैंपस में किया जा रहा है. जिसके आड़ में प्रशासन द्वारा करोड़ों का घोटाला किया जा रहा है. मजदूरों की इन समस्याओं को लेकर जेएनयू छात्र संघ, एआईसीसी और प्रोफेसर कार्रवाई करने की पूरी तैयारी में हैं. फिलहाल यह मुद्दा अगर बातचीत से निपट गया तो ठीक वरना यह लोग मजदूरों की हक की लड़ाई के लिए कोर्ट के तरफ अपना रुख करेंगे.
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JNUSU, प्रोफेसर और मजदूरों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. ये केवल मजदूरों के साथ हीं नहीं बल्कि मेस मे काम करने वाले या अन्य विभागों में कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों के साथ इसी तरह का व्यवहार किया जाता है.
JNU छात्रसंघ की अध्यक्ष आईसी घोष ने आरोप लगाया कि दीवाली के समय मे एक मजदूर को पैसे नहीं मिले तो उसे अपना खून बेचना पड़ा था. यूनिवर्सिटी प्रशासन प्राइवेट कम्पनियों से मिलकर करोड़ों का घोटाला कर रहा है.