नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव एबीवीपी और एनएसयूआई के लिए नाक की लड़ाई है. दोनों इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने जा रहे हैं. जहां एक तरफ एबीवीपी ने आज से अपने संभावित उम्मीदवारों के साथ डीयू के कॉलेजों में प्री कैंपेन शुरू कर दिया है तो वहीं एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी कॉलेजों में कैंपेन कर रहे हैं. इस कैंपेन में वे छात्रों से मिल रहे हैं.
हालांकि, इस छात्रसंघ के चुनाव में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार एनएसयूआई के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं. छात्रों के बीच कन्हैया की फैन फॉलोइंग काफी है और वह जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं. जेएनयू के साथ साथ डीयू के कॉलेजों में कन्हैया कई छात्र के रोल मॉडल भी हैं. चूंकि वह अब कांग्रेस नेता हैं और उन्हें कांग्रेस ने एनएसयूआई का राष्ट्रीय प्रभारी नियुक्त किया है. ऐसे में डीयू के छात्रसंघ चुनाव में पिछली हार को जीत में बदलने की जिम्मेदारी भी कन्हैया कुमार पर है.
एनएसयूआई ने बुलाई चाय पर बैठक
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल सहरावत ने बताया कि बीते शनिवार को एक छोटी सी मीटिंग बुलाई गई. जिसमें डीयू के छात्रसंघ का चुनाव लड़ चुके पुराने उम्मीदवारों ने शिरकत की. बैठक में एनएसयूआई कन्हैया कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक सहित अन्य लोग शामिल थे. बताया कि इस दौरान एनएसयूआई के लिए चुनाव लड़ चुके सभी उम्मीदवारों ने अपने अनुभव साझा किए. कुणाल ने बताया कि एनएसयूआई, पूरी तैयारी के साथ छात्रसंघ चुनाव में उतर रही है.
कन्हैया कुमार करेंगे एनएसयूआई के उम्मीदवारों के लिए कैंपेन
एनएसयूआई दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कुणाल सहरावत ने बताया कि कन्हैया कुमार भी डीयू छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई कैंडिडेट के लिए कैंपेन करेंगे. कुणाल ने यह भी बताया कि इस सप्ताह एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी. जिसमें चुनाव में आगे की रणनीति तय की जाएगी. माना जा रहा है कि रक्षाबंधन के बाद एनएसयूआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी.
एबीवीपी चार सीट जीतने का दावा कर रही है
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एबीवीपी कह सकती है की वह छात्र संघ का चुनाव 4-0 से जीतेंगे. हां, हम नहीं कहते हैं कि हम चार सीट जीत लेंगे. लेकिन हम पूरी क्षमता के साथ चुनाव लड़ेंगे. अगर एबीवीपी कह रही है कि वे सभी 4 सीटें जीत लेंगे तो इसका अर्थ यह है कि उन्होंने अभी से सेटिंग कर ली है. सवाल यह है कि एबीवीपी किस स्टैंड पर चुनाव लड़ेगी ?
एसएफआई आइसा को जोड़ पाएंगे कन्हैया कुमार
चारों सीटें जीतने का दावा करने वाली एबीवीपी को हराना एनएसयूआई के लिए आसान नहीं रहने वाला है. वहीं, अगर एसएफआई और आइसा जैसे संगठन एनएसयूआई के साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो कुछ हद तक तस्वीर बदल सकती है. इन बातों पर कन्हैया कुमार अगली बैठक में चर्चा कर सकते हैं.
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