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'पेरियार तमिलनाडु के रिफॉर्मर नहीं', जॉन पांडियन ने DMK पर साधा निशाना, जानें और क्या कहा ? - JOHN PANDIAN

तमिलनाडु पीपुल्स प्रोग्रेस कझगम के नेता जॉन पांडियन डीएमके निशाना साधा और सत्ताधारी दल पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया.

John Pandian
जॉन पांडियन (X@JohnPandianTMMK)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 21, 2025, 5:21 PM IST

चेन्नई: तमिलगा मक्कल मुनेत्र कड़गम (TMMK) के नेता जॉन पांडियन ने तिरुनेलवेली के पलायनकोट्टई एमकेबी नगर स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इरोड उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का फैसला ही हमारा फैसला है. हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बने रहेंगे.

उन्होंने कहा कि हम सत्ताधारी सरकार से नहीं डरते. लोगों के मन में यह धारणा है कि सत्ताधारी पार्टी उपचुनाव जीतेगी. चुनाव आयोग भी सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में काम कर रहा है. वह पैसे बांटने पर ध्यान नहीं देता. शिकायतों के बावजूद अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

उन्होंने आगे कहा, "अगर एक राष्ट्र, एक चुनाव आता है, तो मुफ्त वाले वादे कम हो जाएंगे और भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. विजय राजनीति में अडोप्टेड चाइल्ड के रूप में आए हैं. वे विजय से तभी डरते हैं, जब डीएमके ठीक से काम नहीं कर रही होती. उन्हें राजनीति में आकर चुनाव लड़ने दो. डीएमके केंद्र सरकार शब्द को 'संघ सरकार'में बदलकर नफरत की राजनीति कर रही है. केंद्र सरकार जो कुछ भी देती है, उसके लिए राज्य सरकार ठीक से जवाबदेह नहीं है.

'पेरियार कोई सुधारक नहीं हैं'
पांडियन कहा कि वे पेरियार को बड़ा आदमी बता रहे हैं, ताकि उन्हें उनके नाम पर वोट मिल सकें. उन्होंने (पेरियार) कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है, वे कहते हैं कि उन्होंने अनटचेबिलिटी को खत्म किया. आज भी अनटचेबिलिटी मोजूद है. इसलिए, यह स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है पेरियार ने इसको खत्म किया. पेरियार तमिलनाडु के सुधारक नहीं हैं.

सीमन सही कह रहे हैं!
उन्होंने कहा कि समय बदला, विद्रोह हुआ और अनटचेबिलिटी अपने आप खत्म होने लगी. पेरियार के आने से कुछ नहीं हुआ. आज भी रामनाथपुरम, शिवगंगा, तिरुवरुर जैसी जगहों पर अनटचेबिलिटी है. जो लोग पेरियार के उत्तराधिकारी होने का दावा करते हैं, वे अनटचेबिलिटी से प्रभावित इलाकों में जाकर इसे खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने वाले. इस को लेकर सीमन सही कह रहे हैं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

पांडियन ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में जज जाति के आधार पर फैसला देते हैं. तमिलनाडु में सभी निचली अदालतों और हाई कोर्ट में मुझे जाति के आधार पर फैसला दिया गया. यहां तक ​​कि जिन मामलों की जांच कोर्ट खुद करता है, वे भी जाति के आधार पर लिए जाते हैं. वे कहते हैं कि तिरुवल्लुवर पर भगवा रंग चढ़ाया गया था, लेकिन डीएमके सरकार ने उन्हें सफेद कपड़े पहनाकर पुजारी बना दिया है.

यह भी पढ़ें- एक दशक में 27 हजार से अधिक कुत्तों की नसबंदी, फिर भी लद्दाख का इकोसिस्टम संकट में

चेन्नई: तमिलगा मक्कल मुनेत्र कड़गम (TMMK) के नेता जॉन पांडियन ने तिरुनेलवेली के पलायनकोट्टई एमकेबी नगर स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इरोड उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का फैसला ही हमारा फैसला है. हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बने रहेंगे.

उन्होंने कहा कि हम सत्ताधारी सरकार से नहीं डरते. लोगों के मन में यह धारणा है कि सत्ताधारी पार्टी उपचुनाव जीतेगी. चुनाव आयोग भी सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में काम कर रहा है. वह पैसे बांटने पर ध्यान नहीं देता. शिकायतों के बावजूद अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

उन्होंने आगे कहा, "अगर एक राष्ट्र, एक चुनाव आता है, तो मुफ्त वाले वादे कम हो जाएंगे और भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. विजय राजनीति में अडोप्टेड चाइल्ड के रूप में आए हैं. वे विजय से तभी डरते हैं, जब डीएमके ठीक से काम नहीं कर रही होती. उन्हें राजनीति में आकर चुनाव लड़ने दो. डीएमके केंद्र सरकार शब्द को 'संघ सरकार'में बदलकर नफरत की राजनीति कर रही है. केंद्र सरकार जो कुछ भी देती है, उसके लिए राज्य सरकार ठीक से जवाबदेह नहीं है.

'पेरियार कोई सुधारक नहीं हैं'
पांडियन कहा कि वे पेरियार को बड़ा आदमी बता रहे हैं, ताकि उन्हें उनके नाम पर वोट मिल सकें. उन्होंने (पेरियार) कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है, वे कहते हैं कि उन्होंने अनटचेबिलिटी को खत्म किया. आज भी अनटचेबिलिटी मोजूद है. इसलिए, यह स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है पेरियार ने इसको खत्म किया. पेरियार तमिलनाडु के सुधारक नहीं हैं.

सीमन सही कह रहे हैं!
उन्होंने कहा कि समय बदला, विद्रोह हुआ और अनटचेबिलिटी अपने आप खत्म होने लगी. पेरियार के आने से कुछ नहीं हुआ. आज भी रामनाथपुरम, शिवगंगा, तिरुवरुर जैसी जगहों पर अनटचेबिलिटी है. जो लोग पेरियार के उत्तराधिकारी होने का दावा करते हैं, वे अनटचेबिलिटी से प्रभावित इलाकों में जाकर इसे खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने वाले. इस को लेकर सीमन सही कह रहे हैं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

पांडियन ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में जज जाति के आधार पर फैसला देते हैं. तमिलनाडु में सभी निचली अदालतों और हाई कोर्ट में मुझे जाति के आधार पर फैसला दिया गया. यहां तक ​​कि जिन मामलों की जांच कोर्ट खुद करता है, वे भी जाति के आधार पर लिए जाते हैं. वे कहते हैं कि तिरुवल्लुवर पर भगवा रंग चढ़ाया गया था, लेकिन डीएमके सरकार ने उन्हें सफेद कपड़े पहनाकर पुजारी बना दिया है.

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