नई दिल्ली: देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है, जिसकी चपेट में हर दिन सैंकड़ों की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. इसी बीच जामिया मिल्लिया इस्लामिया की प्रोफेसर नबीला सादिक ने 4 मई को एक आईसीयू बेड के लिए ट्वीट किया. इस दौरान उन्हें किसी तरह एक बेड मिला, लेकिन कहा जा रहा है कि तब तक उनके फेफड़े बहुत खराब हो चुके थे.
जिसके कारण 38 वर्षीय प्रो. नबीला की 17 मई को कोरोना के चलते मौत हो गई. उन्होंने कोरोना की स्थिति को लेकर कई ट्वीट कर चिंता जाहिर की थी. बता दें कि उनकी मां नुजहत की 7 मई को कोरोना से मौत हो गई है और पिता मोहम्मद सादिक भी कोरोना संक्रमित हुए लेकिन वह ठीक हो गए.
अपनों को खोने के सामने आए कई दर्दनाक वाकया
कोरोना महामारी से मौत की घटनाएं तो आम हो गई हैं, लेकिन कुछ वाकये ऐसे भी हो जाते हैं, जो किसी सदमे से कम नहीं होते. जामिया की 38 वर्षीय प्रोफेसर नबीला का निधन भी ऐसा ही एक दर्दनाक वाकया है, जिसने उसके पिता को तो जिंदगी भर का गम दिया. साथ ही दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जा रहे दावों पर भी कई सवाल खड़े कर दिए.
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ट्विटर पर ICU बेड को लेकर मांगी थी मदद
बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया की प्रो. नबीला सादिक की कोरोना के चलते मौत हो गई. वहीं प्रो. नबीला ने 4 मई को आईसीयू बेड के लिए ट्वीट किया था. अपने 23 अप्रैल के ट्वीट में उन्होंने कहा था 'आज मैंने कई अपनों को खोया. 24 अप्रैल को किए ट्वीट में लिखा 'अपने लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रहे हैं. हर दिन में किसी अपने की मौत की खबर सुनती हूं. पता नहीं यह कब खत्म होगा'. 4 मई को आईसीयू बेड के बारे में पूछताछ को लेकर ट्वीट किया था. वहीं कुछ समय बाद उनका ट्वीट आया कि 'मुझे बेड मिल गया है' और यही उनका आखिरी ट्वीट था.
बेड न मिलने की वजह से गई जान
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र लारैब नियाज़ी ने बताया कि प्रो. नबीला की मां भी कोरोना संक्रमण का शिकार थीं. वहीं संक्रमण के चलते 7 मई को उनकी मौत हो गई थी, लेकिन इस बात की जानकारी प्रो. नबीला को नहीं दी गई क्योंकि उनकी खुद की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई थी.
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साथ ही उन्होंने बताया कि दिल्ली एनसीआर के हर अस्पताल में ऑक्सीजन बेड के लिए संपर्क किया, लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिल पा रहा था. बड़ी जद्दोजहद के बाद फरीदाबाद के फोर्टिस अस्पताल में किसी तरह एक बेड की व्यवस्था हुई, लेकिन तब तक उनका ऑक्सीजन 32 फ़ीसदी तक गिर गया था. वहीं सीटी स्कैन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनके फेफड़े बुरी तरह खराब हो चुके हैं और प्रोफेसर नबीला संक्रमण से जिंदगी की जंग हार गईं.
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पिता ने पत्नी और बेटी दोनों को खोया
इस पूरी घटना का सबसे गहरा असर प्रोफेसर नबीला के 86 वर्षीय पिता मोहम्मद सादिक पर पड़ा है, जो पूर्व में जेएनयू और एएमयू के प्रोफेसर रह चुके हैं. 10 दिनों के अंदर अपनी पत्नी और बेटी की मौत से वह सदमे में हैं. उनका कहना था कि 'अब मैं चलती फिरती लाश हूं. जब मेरी पत्नी की मौत हुई, तो मुझे लगा कि मैं बेटी के सहारे जिंदगी जी लूंगा पर अब मेरे पास केवल यादें ही हैं'. बता दें कि मोहम्मद सादिक भी कोरोना संक्रमण का शिकार हुए थे, लेकिन अब वह ठीक हैं.