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अकाली दल को BJP ने नकारा, सिखों का भी उठ गया है पार्टी से विश्वास: मनजीत सिंह जी के - मनजीत सिंह जी के

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी के का कहना है कि अगर शिरोमणि अकाली दल को चुनाव नहीं लड़ना था. तो क्यों स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की गई थी.

Jago Party President Manjeet Singh gk alleges akali
जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी के
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Published : Jan 21, 2020, 7:17 PM IST

नई दिल्ली: जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी के और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने शिरोमणि अकाली दल के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को दिल्ली के सिखों के साथ धोखा बताया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में बीजेपी ने एसएडी को नकार दिया है. जिसके बाद दल के पास चुनाव नहीं लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. जी के ने नागरिकता संशोधन कानून पर सिरसा के बयान को भी ढोंग बताया है.

जी के ने की अकाली दल के चुनाव ना लड़ने पर बातचीत

'सिखों के साथ धोखा'
जी के ने कहा कि ये वही पार्टी है, जो कुछ दिन पहले तक सीएए के समर्थन में जुलूस निकाल रही थी. अगर पार्टी को चुनाव नहीं लड़ना था, तो क्यों स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की गई थी. इसके अलावा अगर बीजेपी के साथ गणित नहीं बैठ रहा था, तो पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती थी. उन्होंने कहा कि SAD(शिरोमणि अकाली दल) के दिल्ली के नेताओं को पता था कि अगर वो अकेले लड़े तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाएगी.

'अकाली दल का वर्चस्व हुआ खत्म'
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का वर्चस्व अन्य राज्यों में खत्म ही हो गया है. बीजेपी को पता चल गया था कि दिल्ली में भी इनके पास सिखों का समर्थन नहीं है. ऐसे में उन्होंने किनारा कर लिया और इन्होंने सामने आकर अपनी ये चाल चल दी.

जीके ने दावा किया कि अब भी शिरोमणि अकाली दल के नेता बीजेपी से गठबंधन तोड़ने को तैयार नहीं है, क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा करने पर सीबीआई और ईडी के पास पड़े उनके लंबित मामले एक बार फिर खुल जाएंगे.

'जल्दी ही पार्टी का रूख साफ करेंगे'
डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष जी के ने कहा कि वो जल्दी ही अपनी पार्टी का रूख साफ करेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सिखों को किस तरफ जाना है और कौन उनकी मांगों को पूरा कर सकता है, सिख उसी को वोट करेंगे.

नई दिल्ली: जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी के और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने शिरोमणि अकाली दल के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को दिल्ली के सिखों के साथ धोखा बताया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में बीजेपी ने एसएडी को नकार दिया है. जिसके बाद दल के पास चुनाव नहीं लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. जी के ने नागरिकता संशोधन कानून पर सिरसा के बयान को भी ढोंग बताया है.

जी के ने की अकाली दल के चुनाव ना लड़ने पर बातचीत

'सिखों के साथ धोखा'
जी के ने कहा कि ये वही पार्टी है, जो कुछ दिन पहले तक सीएए के समर्थन में जुलूस निकाल रही थी. अगर पार्टी को चुनाव नहीं लड़ना था, तो क्यों स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की गई थी. इसके अलावा अगर बीजेपी के साथ गणित नहीं बैठ रहा था, तो पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती थी. उन्होंने कहा कि SAD(शिरोमणि अकाली दल) के दिल्ली के नेताओं को पता था कि अगर वो अकेले लड़े तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाएगी.

'अकाली दल का वर्चस्व हुआ खत्म'
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का वर्चस्व अन्य राज्यों में खत्म ही हो गया है. बीजेपी को पता चल गया था कि दिल्ली में भी इनके पास सिखों का समर्थन नहीं है. ऐसे में उन्होंने किनारा कर लिया और इन्होंने सामने आकर अपनी ये चाल चल दी.

जीके ने दावा किया कि अब भी शिरोमणि अकाली दल के नेता बीजेपी से गठबंधन तोड़ने को तैयार नहीं है, क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा करने पर सीबीआई और ईडी के पास पड़े उनके लंबित मामले एक बार फिर खुल जाएंगे.

'जल्दी ही पार्टी का रूख साफ करेंगे'
डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष जी के ने कहा कि वो जल्दी ही अपनी पार्टी का रूख साफ करेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सिखों को किस तरफ जाना है और कौन उनकी मांगों को पूरा कर सकता है, सिख उसी को वोट करेंगे.

Intro:नई दिल्ली:
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी के ने शिरोमणि अकाली दल के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को दिल्ली के सिखों के साथ धोखा बताया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में भाजपा ने एसएडी को नकार दिया है जिसके बाद दल के पास चुनाव नहीं लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. जी के ने नागरिकता संशोधन कानून पर सिरसा के बयान को भी ढोंग बताया है.


Body:सिखों के साथ धोखा
जी के ने कहा कि ये वही पार्टी है जो कुछ दिन पहले तक सीएए के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे. अगर पार्टी को चुनाव नहीं लड़ना था तो क्यों स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की गई थी. इसके अलावा अगर भाजपा के साथ गणित नहीं बैठ रहा था तो पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ सकती थी. उन्होंने कहा कि SAD के दिल्ली के नेताओं को पता था कि अगर वो अकेले लड़े तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाएगी.

"SaD का वर्चस्व हुआ खत्म"
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल का वर्चस्व अन्य राज्यों में खत्म ही हो गया है. भाजपा को पता चल गया था कि दिल्ली में भी इनके पास सिखों का समर्थन नहीं है. ऐसे में उन्होंने किनारा कर लिया और इन्होंने सामने आकर अपनी यह चाल चल दी. जीके ने दावा किया कि अब भी शिरोमणि अकाली दल के नेता भाजपा से गठबंधन तोड़ने को तैयार नहीं है क्योंकि उन्हें डर है कि ऐसा करने पर सीबीआई और ईडी के पास पड़े उनके लंबित मामले एक बार फिर खुल जाएंगे.


Conclusion:जल्दी ही पार्टी का रुख साफ करेंगे जी के
डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष जी के ने कहा कि वह जल्दी ही अपनी पार्टी का रुख साफ करेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सिखों को किस तरफ जाना है और कौन उनकी मांगों को पूरा कर सकता है, सिख उसी को वोट करेंगे.
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