नई दिल्ली: जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव के अवसर पर त्यागराज नगर में स्थित जगन्नाथ मंदिर में शनिवार को सोनावेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बड़ी संख्या में भक्तों ने स्वर्ण आभूषणों से अलंकृत भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए.
जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. इस अवसर पर 'जय जगन्नाथ' का उदघोष भी किया गया.
12 दिन तक चलने वाला महोत्सव
त्यागराज नगर में स्थित जगन्नाथ मंदिर में चल रहे जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव में शनिवार को सोनावेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम को लेकर मंदिर के गजापति सुधाकर ने बताया कि जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव 12 दिन तक चलने वाला कार्यक्रम है.
इस कार्यक्रम की शुरुआत भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा से होती है जो कि 4 जुलाई को आयोजित की गई थी. उन्होंने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अपना मंदिर छोड़कर 9 दिन के लिए अपनी मौसी के घर चले आते हैं और जिस दिन वापस जाते हैं. उसे बाहुधा यात्रा कहते हैं जोकि 12 जुलाई को सम्पन्न हुई थी.
सोने के वेश में भगवान
उन्होंने बताया कि बाहुधा के अगले दिन को सोनावेश कहते हैं. इस मौके पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को सोने के वेश में सजाया जाता है. वह रथ के ऊपर विराजमान होते हैं. साथ ही कहा कि इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए आते हैं.
पुरी की तर्ज पर त्यागराज नगर में भव्य कार्यक्रम
सुधाकर ने बताया कि जिस तरह ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. उसी तरह ही त्यागराज नगर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
भगवान जगन्नाथ पर हुए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि भगवान की पूजा अर्चना के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. जिसमें कलाकारों ने अपनी कला से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. साथ ही कहा कि 12 दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में रोजाना भगवान जगन्नाथ पर समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.