ETV Bharat / state

Itra and Sugandhi Mela : दिल्ली की फिजाओं में बिखरी इत्र की खुशबू, सुंदर नर्सरी में आयोजित हुआ महोत्सव

आप ने अब तक अलग-अलग राज्यों की संस्कृति पर आधारित आयोजन, किताबों से लेकर फूल-पौधों पर आधारित मेले के बारे में तो सुना होगा, लेकिन इत्र और सुगंधी मेले के बारे में शायद ही आपने इससे पहले कभी सुना होगा. दरअसल, दिल्ली में इत्र और सुगंधी मेले का आयोजन हो चुका है, इसका आप आनंद ले सकते हैं.

delhi news
दिल्ली में इत्र मेले का आयोजन
author img

By

Published : Mar 18, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 5:18 PM IST

दिल्ली में इत्र मेले का आयोजन

नई दिल्ली : दिल्ली में तीन दिवसीय इत्र एवं सुगंधी महोत्सव शुरू हो चुका है. दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित हुमायूं मकबरा के पास यह मेला सुंदर नर्सरी में लगाया गया है. इस मेले की खास बात यह है कि देश के अलग-अलग राज्यों से आए इत्र के व्यापारियों ने यहां पर अपनी स्टाल लगाई है. इस मेले में फूलों से बने सुगंधित इत्र की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें धूपबत्ती, अगरबत्ती, चंदन की लकड़ी, लोशन, गुलाब, चंदन, केवड़ा, चमेली फूलों से बनाए गए अलग-अलग प्रकार के इत्र यहां पर उपलब्ध है. यह मेला 19 मार्च तक चलेगा. शुक्रवार को मेले का पहला दिन था. मेले का उद्घाटन दिल्ली की पयर्टन मंत्री आतिशी ने किया. इस दौरान विधायक और पर्यटन विभाग से जुड़े कई अधिकारी मौजूद रहे.

वैसे तो पूरी दुनिया में कन्नौज का इत्र बड़ा ही प्रसिद्ध है. कन्नौज को इत्र की नगरी के नाम से जाना जाता है. यह शहर इत्र की खूशबू के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां की मिट्टी के कण-कण में इत्र की महक बसी है. यहां के इत्र की मांग देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है. खाड़ी देशों में इसकी सबसे ज्यादा मांग है. कन्नौज ने प्राचीन समय से ही इत्र नगरी के नाम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कन्नौज का इत्र पूरी तरह प्राकृतिक गुणों से युक्त और एल्कोहल मुक्त होता है. यही वजह है कि कुछ रोगों में खुशबू को रामबाण इलाज माना जाता है.

कन्नौज के इत्र व्यापारी मोहम्मद मुस्तकीम खान ने बताया कि यहां पर इत्र मेला लग रहा है. काफी अच्छा लग रहा है. कन्नौज के इत्र की अपनी एक अलग पहचान है. क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक होता है, इसमें कोई मिलावट नहीं होता है. हम इसे भट्टियों में ही बनाते है. गुलाब, गेंदा, बेला या चमेली फूल का इत्र तैयार करना हो तो उसकी पंखुड़ियों को एक बड़े से तांबे के पात्र में डाला जाता है. पात्र में पानी भरकर उसे भट्टी पर चढ़ाते है. आग की भट्टी के ऊपर पात्र में पानी रखा जाता है. पानी को लगातार गर्म किया जाता है. उससे निकलने वाली भाप ही पात्र में रखी फूलों की पंखुड़ियों को गरम करती है. इस तरह से इत्र तैयार होता है. यहां पर बहुत सारे लोग बाहर से आ रहे हैं और हमारे इत्र को देख रहे हैं और खरीद भी रहे हैं. वहीं, कुछ लोग लगा कर चले भी जाते हैं. सब तरह के यहां पर लोग आ रहे हैं. उम्मीद है कि इस मेले में अच्छा रिस्पांस मिलेगा.

ये भी पढ़ें : Dwarka mcd Safai: द्वारका में CM केजरीवाल के आने की आहट से हरकत में आई MCD, युद्धस्तर पर हो रही सफाई

दिल्ली में इत्र मेले का आयोजन

नई दिल्ली : दिल्ली में तीन दिवसीय इत्र एवं सुगंधी महोत्सव शुरू हो चुका है. दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित हुमायूं मकबरा के पास यह मेला सुंदर नर्सरी में लगाया गया है. इस मेले की खास बात यह है कि देश के अलग-अलग राज्यों से आए इत्र के व्यापारियों ने यहां पर अपनी स्टाल लगाई है. इस मेले में फूलों से बने सुगंधित इत्र की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें धूपबत्ती, अगरबत्ती, चंदन की लकड़ी, लोशन, गुलाब, चंदन, केवड़ा, चमेली फूलों से बनाए गए अलग-अलग प्रकार के इत्र यहां पर उपलब्ध है. यह मेला 19 मार्च तक चलेगा. शुक्रवार को मेले का पहला दिन था. मेले का उद्घाटन दिल्ली की पयर्टन मंत्री आतिशी ने किया. इस दौरान विधायक और पर्यटन विभाग से जुड़े कई अधिकारी मौजूद रहे.

वैसे तो पूरी दुनिया में कन्नौज का इत्र बड़ा ही प्रसिद्ध है. कन्नौज को इत्र की नगरी के नाम से जाना जाता है. यह शहर इत्र की खूशबू के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां की मिट्टी के कण-कण में इत्र की महक बसी है. यहां के इत्र की मांग देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है. खाड़ी देशों में इसकी सबसे ज्यादा मांग है. कन्नौज ने प्राचीन समय से ही इत्र नगरी के नाम से अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कन्नौज का इत्र पूरी तरह प्राकृतिक गुणों से युक्त और एल्कोहल मुक्त होता है. यही वजह है कि कुछ रोगों में खुशबू को रामबाण इलाज माना जाता है.

कन्नौज के इत्र व्यापारी मोहम्मद मुस्तकीम खान ने बताया कि यहां पर इत्र मेला लग रहा है. काफी अच्छा लग रहा है. कन्नौज के इत्र की अपनी एक अलग पहचान है. क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक होता है, इसमें कोई मिलावट नहीं होता है. हम इसे भट्टियों में ही बनाते है. गुलाब, गेंदा, बेला या चमेली फूल का इत्र तैयार करना हो तो उसकी पंखुड़ियों को एक बड़े से तांबे के पात्र में डाला जाता है. पात्र में पानी भरकर उसे भट्टी पर चढ़ाते है. आग की भट्टी के ऊपर पात्र में पानी रखा जाता है. पानी को लगातार गर्म किया जाता है. उससे निकलने वाली भाप ही पात्र में रखी फूलों की पंखुड़ियों को गरम करती है. इस तरह से इत्र तैयार होता है. यहां पर बहुत सारे लोग बाहर से आ रहे हैं और हमारे इत्र को देख रहे हैं और खरीद भी रहे हैं. वहीं, कुछ लोग लगा कर चले भी जाते हैं. सब तरह के यहां पर लोग आ रहे हैं. उम्मीद है कि इस मेले में अच्छा रिस्पांस मिलेगा.

ये भी पढ़ें : Dwarka mcd Safai: द्वारका में CM केजरीवाल के आने की आहट से हरकत में आई MCD, युद्धस्तर पर हो रही सफाई

Last Updated : Mar 18, 2023, 5:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.